गणेश चतुर्थी इस बार 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे से प्रारंभ होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए विशेष रूप से मध्याह्न मुहूर्त (सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक) सबसे शुभ माना जाता है.
गणेश स्थापना से पहले पूजा स्थल को गंगाजल से स्वच्छ करें. चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और आसपास के स्थान को साफ-सुथरा बनाएं, जिससे पूजा का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहे.
शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें. मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शामिल हो. इससे भगवान गणेश को शुद्ध और प्रसन्न करके पूजा की शुरुआत होती है.
स्नान के बाद भगवान गणेश को नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं. पूजा के दौरान ध्यान और भक्ति भाव बनाए रखें. हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर संकल्प लें, जो पूजा को पूर्णता और शक्ति प्रदान करता है.
पूजा में दूर्वा घास, लाल फूल और मोदक या लड्डू का भोग विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय है. इन्हें अर्पित करने से परिवार में खुशहाली, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पूजा अंत में भगवान गणेश की आरती उतारें और उनके सामने प्रार्थना करें. विधिवत आरती और भक्ति से सभी विघ्न दूर होते हैं और नए कार्यों में सफलता मिलती है. पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन या संरक्षित रखकर अगले वर्ष की गणेश चतुर्थी की तैयारी की जा सकती है.