Ganesh Chaturthi 2025: मध्याह्न मुहूर्त में करें बप्पा की पूजा, खुलेंगे किस्मत के दरवाजे, पूरी होगी हर मनोकामना

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 का दिन विशेष रूप से आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि की बौछार लाने वाला है. बप्पा को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है. ऐसे में इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. मान्यता है कि गणेश जी का जन्म मध्याह्न के समय हुआ था, इसलिए इस समय पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस साल 27 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी और मध्याह्न मुहूर्त में गणेश जी की विधिवत पूजा करके आप अपने जीवन में खुशहाली और सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं.

Isha Gupta
नई दिल्ली | Published: 27 Aug, 2025 | 10:16 AM
1 / 6गणेश चतुर्थी इस बार 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे से प्रारंभ होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए विशेष रूप से मध्याह्न मुहूर्त (सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक) सबसे शुभ माना जाता है.

गणेश चतुर्थी इस बार 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे से प्रारंभ होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए विशेष रूप से मध्याह्न मुहूर्त (सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक) सबसे शुभ माना जाता है.

2 / 6गणेश स्थापना से पहले पूजा स्थल को गंगाजल से स्वच्छ करें. चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और आसपास के स्थान को साफ-सुथरा बनाएं, जिससे पूजा का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहे.

गणेश स्थापना से पहले पूजा स्थल को गंगाजल से स्वच्छ करें. चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और आसपास के स्थान को साफ-सुथरा बनाएं, जिससे पूजा का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहे.

3 / 6शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें. मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शामिल हो. इससे भगवान गणेश को शुद्ध और प्रसन्न करके पूजा की शुरुआत होती है.

शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें. मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल शामिल हो. इससे भगवान गणेश को शुद्ध और प्रसन्न करके पूजा की शुरुआत होती है.

4 / 6स्नान के बाद भगवान गणेश को नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं. पूजा के दौरान ध्यान और भक्ति भाव बनाए रखें. हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर संकल्प लें, जो पूजा को पूर्णता और शक्ति प्रदान करता है.

स्नान के बाद भगवान गणेश को नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं. पूजा के दौरान ध्यान और भक्ति भाव बनाए रखें. हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर संकल्प लें, जो पूजा को पूर्णता और शक्ति प्रदान करता है.

5 / 6पूजा में दूर्वा घास, लाल फूल और मोदक या लड्डू का भोग विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय है. इन्हें अर्पित करने से परिवार में खुशहाली, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

पूजा में दूर्वा घास, लाल फूल और मोदक या लड्डू का भोग विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय है. इन्हें अर्पित करने से परिवार में खुशहाली, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

6 / 6पूजा अंत में भगवान गणेश की आरती उतारें और उनके सामने प्रार्थना करें. विधिवत आरती और भक्ति से सभी विघ्न दूर होते हैं और नए कार्यों में सफलता मिलती है. पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन या संरक्षित रखकर अगले वर्ष की गणेश चतुर्थी की तैयारी की जा सकती है.

पूजा अंत में भगवान गणेश की आरती उतारें और उनके सामने प्रार्थना करें. विधिवत आरती और भक्ति से सभी विघ्न दूर होते हैं और नए कार्यों में सफलता मिलती है. पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन या संरक्षित रखकर अगले वर्ष की गणेश चतुर्थी की तैयारी की जा सकती है.

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