MSP के ऊपर 200 रुपए प्रीमियम क्यों मांग रहे धान किसान, जानिए पूरा मामला

अर्थशास्त्री ने कहा किसानों को धान के लिए एमएसपी से अधिक कीमत का भुगतान करना एक अच्छा कदम है, लेकिन यह कदम एक कीमत के साथ भी आएगा, क्योंकि अकेले बीजों के कारण उत्पादन लागत भी बढ़ेगी.

रिजवान नूर खान
Noida | Published: 5 Apr, 2025 | 03:20 PM

बीज कंपनियों से किसान प्रीमियर रेट मांग रहे हैं. यह धान के किसान हैं, जो मांग कर रहे हैं कि 3100 रुपए प्रति क्विंटल के ऊपर 200 रुपए प्रीमियम भी दिया जाए. ओडिशा से उठी इस मांग के बाद बीज कंपनियां बैकफुट पर हैं. वे इस दुविधा में हैं कि खरीफ सीजन के लिए क्या क़ॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में उतरें और किसानों से किस दर पर धान खरीदें. ओडिशा के किसानों की मांग के साथ छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी ऐसी ही स्थिति हो सकती है, क्योंकि ये दोनों राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा बोनस का भुगतान करते हैं.

मुद्दा गरमाने पर जागा कृषि मंत्रालय

अंग्रेजी अखबार बिजनेसलाइन की खबर के मुताबिक एक वेबिनार में यह मुद्दा उठाया गया. ओडिशा के एक एफपीओ की ओर उठाए मुद्दे के बाद कृषि मंत्रालय ने इस पर ध्यान दिया है. एफपीओ के प्रतिनिधि ने जानना चाहा कि नेफेड या राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) राज्य से किस कीमत पर धान के बीज खरीदेगा क्योंकि किसानों को कम से कम 200 रुपये प्रति क्विंटल प्रीमियम की जरूरत होगी. पिछले साल ओडिशा में किसानों ने धान के बीजों के लिए औसतन 2500-2800 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया था.

अर्थशास्त्री ने किसानों की मांग को सही बताया

अर्थशास्त्र के एक रिटायर्ड प्रोफेसर एसएन दास ने कहा, “किसानों को धान के लिए एमएसपी से अधिक कीमत का भुगतान करना एक अच्छा कदम है, लेकिन यह कदम एक कीमत के साथ भी आएगा, क्योंकि अकेले बीजों के कारण उत्पादन लागत भी बढ़ेगी. सरकार को यह देखना होगा कि दोनों को कैसे संतुलित किया जाए क्योंकि उत्पादन की लागत में वृद्धि की अनुमति देना सही कदम नहीं होगा.” दास पिछले करीब चार दशकों से धान की खेती पर शोध कर रहे हैं.

क्या कहती है सीएसीपी की रिपोर्ट

सीएसीपी की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022-23 के तीन वर्षों में चावल की खरीद में पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों की हिस्सेदारी अधिक है. इसी अवधि में ओडिशा में धान की उत्पादन लागत (ए2 + पारिवारिक श्रम) 55,596 रुपये प्रति हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 41,668 रुपये प्रति हेक्टेयर थी. सीएसीपी की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2017-18 तक के तीन वर्षों में, ओडिशा में औसत ए2 + एफएल धान की कीमत 45,818 रुपये प्रति हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 35,793 रुपये प्रति हेक्टेयर थी. अब बीज कंपनियों के साथ सरकार को भी इस पूरे मुद्दे को ध्यान से देखना होगा और यह समझना होगा कि बीज के लिए सही मूल्य क्या दिया जाना चाहिए.

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