बिहार में खुलेंगे 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर, किसानों को सरकार से मिलेगी 4 लाख तक की मदद

कृषि यांत्रिकरण योजना के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से 1078. 750 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इस योजना मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधित आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर सस्ती दरों में उपलब्ध कराना है.

नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 05:34 PM

आज के समय में खेताी को आसान और बेहतर बनाने के लिए बाजार में कई तरह की आधुनिक कृषि मशीनें उपलब्ध हैं. इन मशीनों की मदद से न केवल खेता करना आसान होता है बल्कि किसानों की लागत और समय में भी बचत होती है. लेकिन अकसर आर्थिक संकट के कारण किसानों के लिए इन मशीनों को खरीद पाना मुश्किल होता है. किसानों की इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कस्टम हायरिंग सेंटरों को बनवाया गया है. ताकि किसानों को कम दरों पर जरूरत के हिसाब से ये मशीनें किराए पर उपलब्ध कराई जा सकें. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए प्रदेश में 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) खोलने का फैसला लिया है. जिसके लिए सरकार किसानों को 4 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी मुहैया कराएगी.

कुल लागत का 40 फीसदी खर्च देगी सरकार

बिहार में कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे. इन कस्टम हायरिंग सेंटर को खोलने के इच्छुक किसानों को कुल लागत का 40 फीसदी खर्च सरकार की तरफ से दिया जाएगा. बता दें कि, एक कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने पर सरकार की तरफ से कुल लागत 10 लाख रुपये तय की गई है. यानी कोई किसान अगर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलता है जिसमें उसकी कुल लागत 10 लाख रुपये आती है. तो उसे 4 लाख रुपये सब्सिडी के तौर पर सरकार की तरफ से मिलेंगे.

किराए पर मिलेंगे आधुनिक यंत्र

बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, कृषि यांत्रिकरण योजना के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से 1078. 750 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इस योजना मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधित आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर सस्ती दरों में उपलब्ध कराना है ताकि छोटे किसान जिनके सामने आर्थिक संकट रहता है वे भी अपने खेतों में आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर फसलों से बेहतर और उन्नत क्वालिटी की पैदावार पा सके. इससे बाजार में उन्हें उनकी उपज की अच्छी कीमत मिलेगी और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.

CHC में मिलने वाली मशीनें

सीएचसी में किसानों को कई तरह की मशीनें आसानी से उपलब्ध होती है. इनमें बुवाई के लिए सीड ड्रिल, जीरो टिल मशीन, प्लांटर मशीनें, सिंचाई के लिए पंप सेट और पाइप लाइन, फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर और रीपर बाइंडर, फसल की निराई-गुड़ाई के लिए रोटावेटर और पावर वीडर, उर्वरकों के छिड़काव के लिए बूम स्प्रेयर और बैकपैक स्प्रेयर मशीनें, खेती से पहले जमीन की तैयारी के लिए कल्टीवेटर, डिस्क हल और लेजर लैंड लेवलर जैसी मशीनें शामिल हैं.

Published: 6 Aug, 2025 | 06:55 PM

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