बिहार में खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती पर जोर, जैविक खेती को भी मिलेगा बढ़ावा

खरीफ सीजन की शुरुआत होने वाली है, ऐसे में बिहार के कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि खरीफ सीजन की खेती में किसान वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल करें. जिसके लिए प्रदेश के किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

नोएडा | Updated On: 20 May, 2025 | 06:52 PM

बिहार की राजधानी पटना में राज्य स्तरीय खरीफ महाभियान और कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने खरीफ सीजन की फसलों की वैज्ञानिक खेती पर विशेष जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने सरकारी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बोल-चाल के लिए आसान हिंदी भाषा का इस्तेमाल करें ताकि किसान उनसे आसानी से जुड़ सकें और उनकी बातें समझ सकें. इसके साथ ही उन्होंने मृदा स्वास्थ्य, संतुलित उर्वरकों के इस्तेमाल और कृषि क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया. विजय सिन्हा ने फार्मर आईडी और मखाना की खेती पर भी बात की.

खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती पर विशेष जोर

खरीफ सीजन की शुरुआत होने वाली है , ऐसे में बिहार के कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि खरीफ सीजन की खेती में किसान वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल करें. जिसके लिए प्रदेश के किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. खरीफ फसलों की खेती में तकनीक का इस्तेमाल करने के पीछे का उद्देश्य है किसानों की फसलों का अच्छा उत्पादन और उनकी आय में वृद्धि करना. बिहार के किसानों को बीज वितरण कार्यक्रम के तहत खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार सरकार किसानों की आर्थिक स्थित को मजबूत करने और टिकाऊ कृषि का विस्तार करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने पदाधिकारियों से कहा कि वे खरीफ सीजन की फसलों के लिए किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करें.

जलवायु अनुकूल और जैविक खेती को बढ़ावा

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना पर बात करते हुए कहा कि इस योजना की मदद से किसानों को उनकी मिट्टी के बारे में सही जानकारी मिलती है.जिसकी मदद से वे अपने खेत की मिट्टी को जरूरत के हिसाब से सही पोषण और उर्वरक दे सकते हैं. साथ ही जलवायु अनुकूल खेती भी कर सकते हैं. मिट्टी की जांच करने वाली लैब के माध्यम से भी किसानों को अपनी मिट्टी की देखभाल और संतुलिक उर्वरक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. ऐसी करने से किसानों की उत्पादन की लागत में कमी आती है और फसलों की गुणवत्ता में सुधार आता है. इसके साथ ही विजय सिन्हा ने पदाधिकारियों से किसानों के साथ आसान हिंदी भाषा इस्तेमाल करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि खरीफ और रबी की जगह पर शारदीय और बसंतीय शब्द का इस्तेमाल किया जाए.

 

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Deputy CM Vijay Sinha

आधुनिक कृषि मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी

कृषि मंत्री ने फार्मर आईडी की चर्ची करते हुए बताया कि बिहार सरकार प्रदेश के किसानों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन करवाकर उन्हें कई अलग-अलग सरकारी योजनाओं से जोड़ने का काम कर रही है. जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. उन्होंने कृषि यांत्रिकरण योजना की जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को आधुनिक कृषि मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं जिनकी मदद से किसानों के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. बिहार सरकार की कोशिशों के चलते डिजिटल टूल्स की मदद से किसान सही समय पर कृषि से जुड़ी सही जानकारी हासिल कर रहे हैं.

मोटे अनाज की खेती पर जोर

उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने प्रदेश में धान/संकर धान, मक्का, मोटे अनाज (मिलेट्स), दलहन और तिलहन फसलों की वैज्ञानिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि इन फसलों की खेती से प्रदेश के किसानों की आमदनी बढे़गी. उन्होने किसानो को सलाह दी कि वे फसलों में लगने वाले कीटों और रोगों से निपटने के लिए तकनीक की इस्तेमाल करें. विजय सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कृषम से जुड़े सभी विभागों और जिलास्तरीय इकाइयों को एकसाथ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि तकनीकी जानकारी, उन्नत बीज, कृषि मशीनें, जैविक खेती की विधियां और डिजिटल तकनीकों को अपनाकर बिहार कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाया जा सकता है.

Published: 20 May, 2025 | 06:51 PM