CSIR ने बनाया जबरदस्त इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर: खेती में होगी 64 फीसदी तक खर्च की बचत, जानें कीमत और फीचर्स

साधारण डीजल ट्रैक्टर हर घंटे में करीब 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, जबकि यह ई-ट्रैक्टर 5 घंटे में सिर्फ 18 से 20 यूनिट बिजली में काम कर लेता है. इससे किसान लगभग 64 फीसदी खर्च बचा सकते हैं. एक पूरे सीजन में यह बचत हजारों रुपये की हो सकती है.

नई दिल्ली | Published: 15 Oct, 2025 | 12:43 PM

CSIR Electric Tractor: देश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. अब खेती करना और भी आसान और किफायती होने वाला है. वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने देश का एक बेहतरीन इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तैयार किया है, जो न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि खेती का खर्च भी 64 फीसदी तक कम कर देगा. यह ट्रैक्टर किसानों की मेहनत को आसान बनाएगा और उन्हें डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत देगा.

एक बार चार्ज में 4 से 5 घंटे तक काम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CSIR के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप राजन ने बताया कि यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खेतों के सभी कामों के लिए बेहद उपयोगी है. इसे महिलाएं और पुरुष दोनों आसानी से चला सकते हैं, क्योंकि इसका संचालन बहुत आसान है. इस ट्रैक्टर को पूरी तरह चार्ज होने में केवल 4 घंटे लगते हैं, और इसके बाद यह लगातार 4 से 5 घंटे तक खेत में काम कर सकता है. इससे किसानों को बार-बार ईंधन भरवाने की झंझट से मुक्ति मिलेगी और उनका समय बचेगा.

डीजल ट्रैक्टर की तुलना में सस्ता

साधारण डीजल ट्रैक्टर हर घंटे में करीब 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, जबकि यह ई-ट्रैक्टर 5 घंटे में सिर्फ 18 से 20 यूनिट बिजली में काम कर लेता है. इससे किसान लगभग 64 फीसदी खर्च बचा सकते हैं. एक पूरे सीजन में यह बचत हजारों रुपये की हो सकती है, जो सीधे किसानों की आमदनी में जुड़ जाएगी.

दमदार प्रदर्शन और मल्टी-यू डिजाइन

यह ट्रैक्टर 26 हॉर्स पावर (HP) की ताकत वाला है. तुलना करें तो दो बैल मिलकर सिर्फ 1 HP की ताकत देते हैं, यानी यह उनसे कई गुना शक्तिशाली है.

यह हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर, ट्रॉली जैसे सभी उपकरणों को चला सकता है. खेतों में काम करने के साथ-साथ किसान इसे सामान ढोने या ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह लगातार 6 घंटे तक भार उठाकर चल सकता है, जिससे किसान अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं.

लंबी उम्र और बेहद कम मेंटेनेंस

इस ई-ट्रैक्टर में लगी बैटरी की गारंटी 5 साल की है और इसे करीब 10 हजार बार चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है. इसमें इंजन ऑयल या डीजल जैसी कोई जटिल मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती. इसका रखरखाव आसान और सस्ता है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता.

कीमत और सरकारी सब्सिडी

CSIR के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अविनाश कुमार यादव ने बताया कि इस ई-ट्रैक्टर को विकसित करने में लगभग तीन साल का समय लगा है. इसकी उत्पादन लागत करीब 8.5 लाख रुपये है. हालांकि, सरकार किसानों के लिए सब्सिडी योजना पर काम कर रही है. मंजूरी के बाद यह ट्रैक्टर किसानों को 4 से 4.5 लाख रुपये में मिल सकता है. इससे यह छोटे और मध्यम किसानों के लिए भी सुलभ हो जाएगा.

खेती में नए युग की शुरुआत

विशेषज्ञों का कहना है कि यह ई-ट्रैक्टर खेती की लागत कम करेगा, प्रदूषण घटाएगा और किसानों की आमदनी बढ़ाएगा. किसान इसका उपयोग अपने खेतों के अलावा दूसरों के खेतों में भी करके अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं.

पर्यावरण के लिए भी लाभदायक

इस ई-ट्रैक्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डीजल पर निर्भरता कम करता है और कार्बन उत्सर्जन घटाता है. इससे खेती ज्यादा हरित (Green) और टिकाऊ बनेगी.

कुल मिलाकर, CSIR का यह नया इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भारतीय खेती में एक तकनीकी क्रांति साबित हो सकता है, जो किसानों की जेब और धरती दोनों के लिए फायदेमंद है.

Topics: