गेहूं कटाई के पुराने तरीके भूल जाइए, ये 3 मशीनें हैं किसानों की पहली पसंद

परंपरागत तरीके जैसे हाथ से कटाई में ज्यादा मजदूर लगते हैं, समय भी ज्यादा लगता है और लागत भी बढ़ जाती है. यही वजह है कि आज किसान आधुनिक ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट्स की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. सरकार भी इस बदलाव को बढ़ावा दे रही है और कई योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है.

नई दिल्ली | Published: 27 Dec, 2025 | 10:06 AM

Tractor Implements: भारत में गेहूं सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि करोड़ों किसानों की आजीविका का आधार है. हर साल रबी सीजन के अंत में जब गेहूं पककर तैयार होता है, तब सबसे बड़ी चुनौती होती है उसकी समय पर और सही तरीके से कटाई. देरी होने पर फसल झड़ जाती है, दाने कमजोर हो जाते हैं और किसान को सीधा नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में बदलते समय के साथ अब खेती में भी आधुनिक तकनीक का सहारा जरूरी हो गया है. गेहूं की कटाई में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट्स किसानों की मेहनत कम करने के साथ-साथ लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

कब और क्यों जरूरी होती है गेहूं की सही समय पर कटाई

गेहूं रबी की प्रमुख फसल है, जिसकी कटाई आमतौर पर मार्च के अंत से अप्रैल तक की जाती है. इस दौरान तापमान तेजी से बढ़ने लगता है और अगर कटाई में देर हो जाए तो दानों की नमी कम होने लगती है. परंपरागत तरीके जैसे हाथ से कटाई में ज्यादा मजदूर लगते हैं, समय भी ज्यादा लगता है और लागत भी बढ़ जाती है. यही वजह है कि आज किसान आधुनिक ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट्स की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. सरकार भी इस बदलाव को बढ़ावा दे रही है और कई योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है.

रीपर-बाइंडर से तेज कटाई और आसान ढुलाई

रीपर-बाइंडर गेहूं की कटाई के लिए एक बेहद उपयोगी मशीन मानी जाती है. यह मशीन खेत में खड़ी फसल को काटने के साथ-साथ उसे अपने आप छोटे-छोटे गठ्ठों में बांध देती है. इससे किसानों को अलग से फसल इकट्ठा करने की जरूरत नहीं पड़ती. छोटे और मध्यम किसानों के लिए यह मशीन बहुत फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इससे मजदूरों पर निर्भरता कम होती है और कटाई का काम कम समय में पूरा हो जाता है. साथ ही फसल को नुकसान भी बहुत कम होता है.

कंबाइन हार्वेस्टर से एक साथ कई काम

बड़े किसानों और ठेके पर खेती करने वालों के लिए कंबाइन हार्वेस्टर किसी वरदान से कम नहीं है. यह मशीन एक ही बार में गेहूं की कटाई, गहाई और सफाई का काम कर देती है. इससे न केवल समय की भारी बचत होती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बनी रहती है. कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई करने पर दानों का नुकसान बेहद कम होता है और किसान तेजी से अगली फसल की तैयारी कर सकता है. यही कारण है कि बड़े खेतों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.

स्ट्रॉ रीपर से भूसा भी बनेगा कमाई का जरिया

गेहूं की कटाई के बाद खेत में बची ठूंठ और पराली किसानों के लिए बड़ी समस्या बन जाती है. कई जगह किसान मजबूरी में पराली जला देते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. स्ट्रॉ रीपर इस समस्या का टिकाऊ समाधान है. यह मशीन खेत में बचे अवशेष को काटकर साफ भूसे में बदल देती है, जिसे पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. जिन किसानों के पास पशुपालन भी है, उनके लिए यह मशीन अतिरिक्त आय का साधन बन सकती है.

आधुनिक इम्प्लीमेंट्स से बदलेगी खेती की तस्वीर

आधुनिक ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट्स सिर्फ मशीन नहीं, बल्कि किसानों के लिए समय, मेहनत और पैसे की बचत का जरिया हैं. सही मशीन के इस्तेमाल से गेहूं की कटाई न केवल आसान होती है, बल्कि किसान को बेहतर उत्पादन और ज्यादा मुनाफा भी मिलता है. आने वाले समय में जैसे-जैसे तकनीक सस्ती और सुलभ होगी, वैसे-वैसे भारतीय खेती और ज्यादा मजबूत और लाभकारी बनती जाएगी.

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