हिमाचल में बारिश का कहर, 38 करोड़ रुपये की बागवानी और कृषि फसल बर्बाद.. किसानों को नुकसान
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से इस मॉनसून में अब तक 2,007 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. बागवानी को 27.43 करोड़ रुपये और कृषि को 11.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
इस साल हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की शुरुआत से अब तक भारी बारिश के कारण राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं से कुल 2,007 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है, जिसकी क्षति 1,071 करोड़ रुपये आंकी गई है. वहीं, जल शक्ति विभाग को 682.99 करोड़ रुपये और बिजली विभाग को 139.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जबकि, राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले बागवानी और कृषि क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचा है. बागवानी को 27.43 करोड़ रुपये और कृषि को 11.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यानी कुल 38 करोड़ रुपये से भी अधिक के कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक इस मॉनसून सीजन में भूस्खलन, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ जैसी घटनाओं में 119 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में अब तक 59 फ्लैश फ्लड, 54 भूस्खलन और 30 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं. इस बीच, राज्य में 17 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. 12 से 14 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट, 15 और 17 अगस्त के लिए येलो वार्निंग दी गई है. इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश पूरे राज्य में होती रहेगी, जबकि कुछ स्थानों पर तेज से बहुत तेज बारिश भी हो सकती है. हालांकि, अगले कुछ दिनों में तापमान सामान्य बना रहने की संभावना है.
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई
- बिलासपुर में सबसे ज़्यादा 50.2 मिमी बारिश हुई
- शिमला जिले के सराहन में 30 मिमी
- कांगड़ा जिले के देहरा गोपीपुर में 16 मिमी
- धर्मशाला में 14.8 मिमी
- पालमपुर में 9.6 मिमी
- मंडी में 7.4 मिमी
- शिमला में 4.2 मिमी और
- सुंदरनगर में 3.7 मिमी बारिश दर्ज की गई
धर्मशाला में भी बारिश से भारी नुकसान
खास बात यह है कि पिछले दो हफ्तों से लगातार हो रही बारिश ने धर्मशाला में भारी तबाही मचाई है. शहर और आसपास के इलाकों की लगभग सभी प्रमुख सड़कों को नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन, जलभराव और ढांचों के गिरने की घटनाओं ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. पहाड़ी इलाका लगातार बारिश के दबाव में जूझ रहा है, जिससे स्थानीय लोग डरे और चिंतित हैं. स्थिति पर काबू पाने के लिए जल्द राहत कार्यों की जरूरत है. धर्मशाला में भारी बारिश ने खरोटा, इंद्रूनाग, हीरू और खनियारा जैसे लोकप्रिय टूरिस्ट रूट्स के साथ-साथ ठठरी, स्लेट गोदाम, कनेड़, बरवाला और सूडर गांवों की आंतरिक सड़कों को भी बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है. कई जगहों पर सड़कें धंस गई हैं या तेज बहाव वाले नालों में तब्दील हो गई हैं, जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का संपर्क कट गया है.