किसान नई तकनीक वाली खेती अपनाएं, पैदावार के साथ बढ़ेगी कमाई

हिमाचल के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने किसानों से आधुनिक खेती अपनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार जैविक उत्पादों पर MSP के जरिए किसानों को सीधी मदद दे रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Jul, 2025 | 07:59 PM

Traditional Farming: हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने किसानों से कहा है कि वे पुराने तरीकों से आगे बढ़ें और नई तकनीक वाली खेती अपनाएं. इससे फसल की पैदावार बढ़ेगी और किसानों की कमाई में भी इजाफा होगा. उन्होंने कांगड़ा जिले में उगने वाले बासमती चावल की गुणवत्ता बेहतर करने पर जोर दिया. साथ ही इसकी निर्यात को लेकर भी बड़ा बयान दिया.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक,  कांगड़ा के मटौर में एक कृषि कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि विभाग से जुड़े रहना चाहिए ताकि वे नई तकनीकों से अपडेट रहें. उन्होंने कहा कि खेती के तरीके समय के साथ बदलने चाहिए. किसानों को कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ऐसी तकनीकें अपनानी चाहिए जो पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ा सकें.

15 फीसदी हिस्से में बासमती की खेती

उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में करीब 32,000 हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती होती है, जिसमें से लगभग 15 फीसदी हिस्से में बासमती उगाई जाती है. ज्वाली, फतेहपुर, इंदौरा और रैत ब्लॉक बासमती उत्पादन में सबसे आगे हैं. जबकि कांगड़ा, नगरोटा बगवां और भवारना भी पीछे नहीं हैं. हालांकि, मंत्री ने कहा कि बासमती की गुणवत्ता में और सुधार की जरूरत है ताकि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर सके.

90 रुपये प्रति किलो हल्दी की खरीद

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार किसानों से जैविक फसलों की खरीदी आकर्षक समर्थन मूल्य पर कर रही है. जैसे गेहूं 60 रुपये प्रति किलो, मक्का 40 रुपये और कच्ची हल्दी 90 रुपये प्रति किलो में खरीदी जा रही है. इसके अलावा भैंस का दूध 61 रुपये और गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जा रहा है. इससे किसानों और पशुपालकों को सीधी मदद मिल रही है और जैविक व टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिल रहा है.

किसानों को मिल रहा प्रोत्साहन

साथ ही कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने गांवों के विकास को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि पंचायत भवनों का निर्माण, लोकमित्र केंद्रों की स्थापना और किसानों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन जैसी योजनाएं तेजी से लागू की जा रही हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. बता दें कि अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेस में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. सरकार खुद जैविक फसलों की खरीद कर रही है.

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Published: 6 Jul, 2025 | 07:57 PM

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