कैसे होती है इंटर क्रॉपिंग खेती, किसानों के लिए क्यों कही जा रहे फायदेमंद, जानिए

इंटर क्रॉपिंग मेथड खेती करने की ऐसी विधि है जिसके इस्तेमाल से कम जगह में ज्यादा उपज कर सकते हैं. इस विधि से एक ही खेत में दो या दो से ज्यादा फसलों को उगाया जाता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 16 May, 2025 | 08:30 AM

आज के समय में खेती में ऐसी विधियों का इस्तेमाल करते हैं जिनसे उनकी कमाई दोगुना हो जाए. आज किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाकर खेती कर रहे हैं. ऐसा करने से न केवल उन्हें उत्पादन अच्छा मिल रहा है बल्कि वे आर्थिक तौर पर भी मजबूत हो रहे हैं. खेती करने की बहुत सारी विधियां हैं , उनमें सेहम आज एक विधि की बात करेंगे. हम बात करेंगे इंटर क्रॉपिंग विधि की. यह खेती करने की एक ऐसी विधि हो जोकम जगह में ज्यादा उपज देती है. तो चलिए जान लेते हैं कि क्या है इंटर क्रॉपिंग विधि और क्या हैं इसके फायदे.

कैसे काम करती है इंटर क्रॉपिंग विधि

इंटर क्रॉपिंग या अंतरफसल विधि या बहु खेती विधि एक तरह से खेती करने की ऐसी विधि है जिसके इस्तेमाल से कम जगह में ज्यादा उपज हासिल की जा सकती है. इस विधि से एक ही खेत में दो या दो से ज्यादा फसलों को उगाया जाता है. इस विधि की मदद से खेत में उगाई गई अलग-अलग फसलों की जड़ें मिट्टी की अलग-अलग परतों से पोषक तत्व लेती हैं जो कि फसलों को बढ़ने में मदद करती हैं. इसके अलावा अलग फसलों की बुवाई के कारण कीट और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. क्योंकि कुछ फसलें ऐसा होती हैं जो कीटों को आकर्षित करती हैं वहीं कुछ फसलें उन्हें दूर भगाती हैं.

क्या हैं इस विधि के फायदे

इंटर क्रॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें किसानों की लागत कम आती है क्योंकि एक ही खेत में कई फसलें उगाई जाती हैं. इसके साथ ही अगर खेत में लगी एक फसल खराब हो जाती है तो इसका असर दूसरी फसल पर नहीं होता है. इंटर क्रॉपिंग विधि से मिट्टी की उर्वरता में भी सुधार होता है. उदाहरण के लिए जैसे फलियां मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता में बढ़त होती है.

टमाटर और मिर्च समेत कई फसलें उगा सकते हैं

इंटर क्रॉपिंग विधि से खेती करने पर आप कई तरह की फसलें उगा सकते हैं. आप अमरूद के पेड़ों के बीच में तरबूज और खरबूजे की खेती कर सकते हैं. गेंहूं की फसल के साथ मूंगफली की खेती की जा सकती है. इससे मिट्टी को नाइट्रोजन मिलता है और मूंगफली की उपज भी बढ़ती है. टमाटर की फसल के साथ मिर्च की खेती की जा सकती है. फूलगोभी और पत्ता गोभी की फसल के साथ मूली, मेथी, धनिया, टमाटर और बीन्स की फसल लगा सकते हैं.

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Published: 16 May, 2025 | 08:30 AM

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