महाराष्ट्र के मछली पालन से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मछली पालन को अब कृषि का दर्जा दे दिया है. इससे राज्य के लाखों मछुआरों और मछली पालकों को बड़ी राहत मिलेगी. शुक्रवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव के मुताबिक, अब मछली पालकों को कृषि से जुड़ी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ मिलेगा. उन्हें अब कृषि दरों पर बिजली में छूट, किसान क्रेडिट कार्ड और बैंक लोन की सुविधा मिल सकेगी. इसके अलावा, सस्ती बीमा योजनाएं और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स का भी फायदा मिलेगा.
सरकारी प्रस्ताव में मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका को भी औपचारिक रूप से परिभाषित किया गया है. जैसे मछुआरे, मछली पालक, मछली कारोबारी, मछली बीज उत्पादक और मत्स्य प्रबंधन विशेषज्ञ. राज्य के मत्स्य मंत्री नितेश राणे ने इस फैसले को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बताया और कहा कि इससे करीब 4.83 लाख मछुआरों को सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह सेक्टर खेती की तरह ही उत्पादन और आमदनी बढ़ाने की बड़ी क्षमता रखता है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि राज्य सरकार ने मछली पालन को अब खेती जैसा दर्जा देकर एक बड़ा और सकारात्मक कदम उठाया है. इससे अब मछली पालकों और मत्स्य किसानों को भी वही फायदे मिलेंगे जो अब तक केवल किसानों को मिलते थे. उन्होंने कहा कि पहले कृषि का दर्जा न होने के कारण मछली पालकों को जरूरी सुविधाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था. अब इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, क्योंकि मछली पालन से जुड़े लोगों को भी आधारभूत सुविधाएं और सब्सिडी मिलने लगेगी.
इन सुविधाओं का मिलेगा लाभ
यानि जैसे किसानों को बीज और कृषि उपकरण पर सब्सिडी मिलती है, वैसे ही अब मछुआरों को भी मछली बीज, फीड, पैडल-व्हील एरेटर और एयर पंप खरीदने में सरकारी सहायता मिलेगी. साथ ही, मछली उत्पादन या मछली बीज में नुकसान होने पर उन्हें फसल बीमा की तरह बीमा का लाभ भी मिलेगा. इस कदम से महाराष्ट्र सरकार तटीय और आंतरिक इलाकों में आर्थिक विकास, रोजगार के नए मौके और आमदनी बढ़ाने को बढ़ावा देना चाहती है. अब मछुआरे भी किसान की तरह माने जाएंगे और उन्हें बिजली बिल में छूट, कृषि दरों पर लोन और बीमा की सुविधा मिलेगी. यह पहल सरकार की इस सोच को दर्शाती है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सभी हिस्सों को बराबर सहयोग और मजबूत आधार मिलना चाहिए.