मौसम बदलते ही बकरियों पर बढ़ा खतरा, बारिश में बचाव के लिए करें ये काम

मौसम बदलते ही बकरियों के लिए बारिश की नमी और ठंडी हवाएं समस्या बन सकती हैं, इसलिए उनके लिए सही आहार और कीड़े-मकौड़ों से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए.

नोएडा | Published: 10 May, 2025 | 12:13 PM

इस समय मौसम बदल रहा है. कहीं धूप तो कहीं लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में अगर आपके पास बकरियां हैं तो सतर्क रहना जरूरी है. क्योंकि बारिश का ये मौसम उनके लिए परेशानी ला सकता है. ठंडी हवाएं, कीचड़, गीली जमीन और मच्छर-मक्खियां, ये सब मिलकर बकरियों को बीमार कर सकते हैं. लेकिन घबराइए नहीं, थोड़ी सी सावधानी और तैयारी से आप अपनी बकरियों को बिल्कुल सुरक्षित रख सकते हैं.

बकरियों के शेड की मरम्मत और जल निकासी

बरसात के मौसम में बकरियों के शेड का विशेष ध्यान रखना चाहिए. शेड में जल-जमाव होने से बकरियों को निमोनिया, खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू और अन्य संक्रामक बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में शेड का फर्श हमेशा सूखा, साफ और हवादार रखें. ध्यान देने की बात यह है कि बारिश से पहले शेड की मरम्मत, छत की मजबूती और जल निकासी व्यवस्था को सही से दुरुस्त करें, ताकि बकरियां आराम से, सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें.

बकरियों को हरा चारा और संतुलित आहार

बारिश के मौसम में हरा चारा अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है, लेकिन अधिक हरे चारे के सेवन से बकरियों के पेट में गैस, पेट फूलना और संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए बकरियों को संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है, जिसमें सूखा चारा, खल, दाना और मिनरल मिक्सचर शामिल हो. इस मौसम में बकरियों के खानपान का विशेष ध्यान रखें और उन्हें ताजे, पोषक और सुरक्षित चारे का ही सेवन कराएं, ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे.

टीकाकरण और कृमि नाशक दवाएं

एक्सपर्टों के मुताबिक बारिश के मौसम से पहले बकरियों का टीकाकरण करवाना आवश्यक है. इसके साथ ही, हर 3-4 महीने में बकरियों को कृमि नाशक दवाएं देना सुनिश्चित करें. इससे बकरियों के पेट में कोई कीड़े या संक्रमण नहीं होगा और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा.

कीड़े-मकौड़ों से बचाव और बाहर चराई

मानसून के दौरान शाम के समय कीड़े-मकौड़े ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, इसलिए बकरियों को रात में सुरक्षित और साफ-सुथरे बाड़े में ही रखें. जब धूप निकले और मौसम साफ हो तो बकरियों को कुछ घंटे बाहर चरने के लिए भेजें, ताकि उन्हें ताजगी मिले, वे खुली हवा में सांस ले सकें और शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें.