Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची में हाल ही में हुई बारिश ने सब्जी बाजार (Vegetable Mandi) की हालत बिगाड़ दी है. नवरात्रि शुरू होते ही ‘सात्विक’ खाने की मांग बढ़ी है, लेकिन सब्जियों के दाम (Vegetable Price) भी तेजी से बढ़ गए हैं, जिससे व्रत रखने वालों की जेब पर असर पड़ा है. टमाटर जहां इस समय 30 किलो बिकने चाहिए थे, अब 60 रुपये किलो हो गए हैं. प्याज 25 से 28 से बढ़कर 30 से 35 रुपये किलो हो गया है. इसी तरह हरी मिर्च 150 रुपये किलो बिक रही है, जबकि पिछले हफ्ते ये काफी सस्ती थी.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में कई सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. फूलगोभी 60 से 100 रुपये किलो हो गया है. परवल 80 से 100 रुपये, पत्ता गोभी 70 से 80 रुपये और लौकी 30 से 50 रुपये किलो पहुंच गई है. इसी तरह धनिया पत्ता 150 रुपये से बढ़कर 200 रुपये किलो हो गई है, जो हर व्यंजन में इस्तेमाल होता है. जबकि, बैंगन 40 रुपये से 60 रुपये हो गया है और लहसुन 100 रुपये से 150 रुपये किलो बिक रहा है. कुल मिलाकर, त्योहार के मौसम में सब्जियों के बढ़े दाम लोगों के बजट को बिगाड़ रहे हैं.
सब्जियों की सप्लाई धीमी हो गई
बारिश का असर रांची के सब्जी बाजारों में साफ नजर आ रहा है. गांवों से सब्जियों की सप्लाई धीमी हो गई है और जो सब्जियां आ भी रही हैं, वे अक्सर खराब हालत में पहुंच रही हैं. जिला बागवानी पदाधिकारी महेश राज ने कहा कि टमाटर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जो 30 रुपये किलो मिलने चाहिए थे, लेकिन अब 60 रुपये किलो बिक रहे हैं. किसानों की फसलें भी बारिश से खराब हो गई हैं, जिससे वे भी परेशान हैं.
- 500 रुपये क्विंटल होगा गन्ने का MSP? पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से की बड़ी मांग.. किसानों को होगा फायदा
- Mandi Bhav: गिरकर 800 रुपये क्विंटल हुआ प्याज, किसानों को मिलेगी 1500 रुपये क्विंटल आर्थिक मदद ?
- बाढ़ से 1509 किस्म धान को सबसे ज्यादा नुकसान.. पैदावार में गिरावट, 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा कब मिलेगा?
अगले दो हफ्तों में कुछ राहत मिल सकती है
राज ने कहा कि अगर बारिश रुकी और रास्ते साफ हुए, तो अगले दो हफ्तों में कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल किसान और उपभोक्ता दोनों दबाव में हैं. विक्रेता बता रहे हैं कि खेतों में पानी भर गया है और कटाई में देरी हो रही है. इससे स्टॉक कम है और ट्रांसपोर्ट खर्च ज्यादा हो गया है. मोराबादी बाजार की रेहड़ी विक्रेता रेखा देवी ने कहा कि गांवों की टूटी सड़कों से सब्जियां लाना महंगा पड़ रहा है और जब तक ये रांची पहुंचती हैं, तब तक ताजी नहीं रह जातीं.
बिगड़ गया किचन का बजट
उपभोक्ताओं के लिए यह समय और भी मुश्किल भरा है, क्योंकि नवरात्रि के दौरान वे केवल फल और सब्जियों पर निर्भर रहते हैं. हर्मू की गृहिणी पूनम साहू ने कहा कि लौकी और पालक जैसी जरूरी चीजें भी बजट से बाहर हो रही हैं. लालपुर और रातू रोड के खरीदारों ने भी कहा कि त्योहारी तैयारी की जगह अब पूरा बजट सब्जियों पर खर्च हो रहा है. कोकर मार्केट के दीपक कुमार बोले कि सोचा था मिठाई और सजावट पर खर्च करेंगे, लेकिन अब तो हर सब्जी 40 रुपये किलो से ऊपर है, कैसे मैनेज करें?