एक बार लगाएं और सालों कमाएं, शीशम की लकड़ी की देश-विदेश में जबरदस्त डिमांड

शीशम की खेती किसानों के लिए एक लंबे समय का और लाभकारी निवेश बन रही है. इसकी लकड़ी की देश-विदेश में भारी मांग है. किसान सह‑फसल से शुरुआती आमदनी पाते हैं और 10–15 साल में लकड़ी बेचकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 4 Aug, 2025 | 07:10 PM

भारत में किसान अब केवल पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि दीर्घकालीन और व्यावसायिक फसलों की दिशा में भी बढ़ रहे हैं. इनमें से एक अत्यंत लाभदायक फसल है- शीशम की खेती, जिसकी मजबूत और सुंदर लकड़ी की मांग भारत और विदेशों में भारी है. सही तरीके से रोपित एवं प्रबंधित शीशम पेड़ से किसान शुरुआती सालों में सह‑फसल के माध्यम से नकद आय कमा सकते हैं और 10-15 साल बाद लकड़ी कटाई के जरिए मोटा मुनाफा पाकर समृद्ध हो सकते हैं.

शीशम का फायदा-लकड़ी से होता कमाल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसारशीशमकी लकड़ी बहुत मजबूत, टिकाऊ और दीमक-रोधी होती है. यह फर्नीचर, दरवाजे, पैनल, पूजा की वस्तुएं, वाद्य यंत्र और प्लाईवुड जैसी चीजों में खूब इस्तेमाल होती है. इस वजह से भारत और विदेशों दोनों मार्केट में शीशम की भारी मांग रहती है. सही खेती करने पर किसान इसकी लकड़ी से काफी मुनाफा कमा सकते हैं.

कैसे करें खेती-सही समय और देखभाल

शीशम उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह उगता है और 4°C से 49°C तक तापमान सहन कर सकता है. इसके लिए रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें पानी रुके नहीं, बेस्ट है. पौधे लगाने से पहले खेत बराबर कर लें और गड्ढे 2×2 मी, 3×3 मी या 4×4 मी दूरी पर खोदें. एक एकड़ में लगभग 400–600 पौधे लगाए जा सकते हैं-विशेषकर ‘मोगी एफ’ जैसे हाइब्रिड किस्म बहुत जल्दी बड़ी हो जाती हैं.

कमाई का तरीका- दो चरणों में मुनाफा

शुरुआती कमाई (3-5 साल में):- पौधों की शुरुआती देखभाल में लगभग 1–2 साल तक किसान खेत में सह‑फसलों (दालें, सरसों, मक्का आदि) से 30,000 रपये से 60,000 रुपये प्रति एकड़ सालाना कमा सकते हैं. यह नकद प्रवाह खेती को चलाने में सहायक होता है.

मुख्य कमाई (10-15 साल में):- जब पेड़ 12-15 साल के हो जाते हैं, तो इन्होंने लगभग 15-25 घन फीट लकड़ी दे दी होती है. अगर एक घन फीट की कीमत 2,500 रुपये रहती है, तो प्रति पेड़ 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं. 400 पेड़ लगाए हों, तो कुल 2 करोड़ रुपये तक मुनाफा संभव है.

सरकारी योजना और संभावित लाभ

कई राज्यों में ‘वनिकी योजना’ या ‘Har Medh Par Ped’ जैसे सरकारी कार्यक्रम आते हैं. इसमें किसान को पौधे, प्रशिक्षण, सब्सिडी और मार्केटिंग सहायता मिलता है। NABARD जैसे संस्थान भी शीशम की खेती पर सब्सिडी और ट्रेनिंग प्रदान करते हैं. इससे किसान जोखिम कम करता है और लाभ बढ़ाता है.

Published: 4 Aug, 2025 | 07:35 PM

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