शुगर इंडस्ट्री बॉडी इस्मा ने सितंबर में खत्म हुए चालू खरीद वर्ष में चीनी के शुद्ध उत्पादन अनुमान का जारी किया है. संगठन ने अपने पहले के अनुमान को संशोधित कर 264 लाख टन कर दिया है. बुधवार को जारी एक बयान में इस्मा की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है. इस्मा की तरफ से कहा गया है कि उसकी तरफ से 35 लाख चीनी के शुद्ध उत्पादन के अनुमान को संशोधित करके इसे 264 लाख टन कर दिया गया है.
बढ़ सकता है पेराई सत्र
इस्मा ने 31 जनवरी, 2025 को अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में, इथेनॉल उत्पादन के लिए 37.5 लाख टन चीनी को डायवर्ट करने के बाद भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन 272.69 लाख टन होने का अनुमान लगाया था. संगठन की मानें तो चालू 2024-25 खरीद वर्ष में 10 मार्च 2025 तक, चीनी उत्पादन 233.09 लाख टन तक पहुंच गया है. वर्तमान में देश भर में 228 मिलें चालू हैं. इस्मा की तरफ से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में गन्ने की बेहतर पैदावार और बेहतर उत्पादन के कारण पेराई सत्र अप्रैल तक बढ़ सकता है. हालांकि, पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में कुछ मिलें मार्च 2025 के अंत तक बंद होने की संभावना है.
कम पैदावार से गन्ना हुआ कम
बयान में कहा गया है, ‘महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रति इकाई क्षेत्र में कम पैदावार की वजह से गन्ने की उपलब्धता कम हुई है. कर्नाटक में कुछ मिलों के जून/जुलाई 2025 में शुरू होने वाले विशेष सत्र के दौरान परिचालन फिर से शुरू करने की उम्मीद है.’ इस्मा की मानें तो 80 लाख टन के शुरुआती स्टॉक और 264 लाख टन के संभावित उत्पादन के साथ, 2024-25 में चीनी की कुल उपलब्धता 344 लाख टन होगी. 280 लाख टन की घरेलू मांग और 10 लाख टन के निर्यात को ध्यान में रखते हुए, 30 सितंबर 2025 तक चीनी का अंतिम स्टॉक 54 लाख टन होने का अनुमान है.
इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस समय 96 मिले ही संचालित हो रही हैं जबकि 26 मिलें बंद हैं. इसी तरह से महाराष्ट्र में 200 में से 161 पर ताला लग लग गया है और 39 काम कर रही हैं. वहीं कर्नाटक में 78 में से 72 मिलें बंद हो चुकी हैं तो सिर्फ 6 ही चालू हैं. बाकी राज्यों की अगर बात करें तो 45 मिले बंद हो चुकी हैं तो 87 मिलें काम कर रही हैं.
बारिश से बेहतर हुई खेती
इस्मा का कहना है कि साल 2024 में बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून और जलाशयों में पानी की अच्छी उपलब्धता के कारण, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 2025-26 सीजन के लिए रोपण में इस साल की तुलना में सुधार हुआ है. नतीजतन, 2025-26 पेराई सीजन अक्टूबर 2025 में समय पर शुरू होने वाला है. इसमें सीजन के अंत तक करीब 54 लाख टन का अनुमानित स्टॉक होगा, जो पर्याप्त से अधिक होने की उम्मीद है.
कितना हुआ गन्ना भुगतान
वहीं इस्मा के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बाकी उत्तर भारतीय राज्यों में वैरिएटल रिप्लेसमेंट एक्टिविटीज में काफी सुधार हुआ है. इससे इन क्षेत्रों में 2025-26 के चीनी सत्र में बेहतर पैदावार और रिकवरी भी होगी. ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि गन्ना भुगतान में तेजी आई है. साल 2024-25 के चीनी सत्र के लिए लगभग 80 फीसदी तक गन्ना भुगतान किया जा चुका है. यह जनवरी 2025 के मध्य से भुगतान किए गए 69 फीसदी से वृद्धि दर्शाता है. इसके अलावा 2023-24 के चीनी सत्र के लिए 99.9 फीसदी गन्ना भुगतान भी अब तक किया जा चुका है.