FAO Report: अनाज की खपत बढ़ी, भंडार घटा, क्या कीमतों पर पड़ेगा असर?

FAO की रिपोर्ट कहती है कि 2025-26 में वैश्विक अनाज उत्पादन 291.1 करोड़ टन तक पहुंच सकता है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा. इसमें सबसे बड़ी बढ़त मक्का में होने की उम्मीद है, जबकि चावल और ज्वार भी नए रिकॉर्ड बना सकते हैं.

नई दिल्ली | Published: 8 Jun, 2025 | 06:44 PM

दुनियाभर में जब महंगाई, जलवायु परिवर्तन और खाद्य संकट की चर्चा तेज है, ऐसे में एक राहतभरी खबर आई है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था FAO (खाद्य और कृषि संगठन) ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 में सभी प्रमुख अनाजों का उत्पादन बढ़ेगा, और यह नया रिकॉर्ड भी बना सकता है. इसका सीधा असर दुनियाभर की खाद्य आपूर्ति और कीमतों पर पड़ सकता है.

बीते साल गिरा था उत्पादन और व्यापार

2024-25 के सीजन की बात करें तो वैश्विक अनाज उत्पादन करीब 285.3 करोड़ टन रहा, जो 2023 के मुकाबले हल्की गिरावट थी. इसमें मुख्य रूप से मक्का और जौ जैसे मोटे अनाज के उत्पादन में कमी देखी गई, जबकि गेहूं और चावल में मामूली बढ़त रही. इस दौरान अनाज की खपत 1.2 फीसदी बढ़कर 287.5 करोड़ टन हो गई, जिससे स्टॉक यानी भंडारण पर असर पड़ा और यह 2 फीसदी घटकर 865 मिलियन टन तक रह गया.

2025 में क्या बदलने वाला है?

FAO की रिपोर्ट कहती है कि 2025-26 में वैश्विक अनाज उत्पादन 291.1 करोड़ टन तक पहुंच सकता है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर होगा. इसमें सबसे बड़ी बढ़त मक्का में होने की उम्मीद है, जबकि चावल और ज्वार भी नए रिकॉर्ड बना सकते हैं. गेहूं में हल्की वृद्धि की संभावना है.

खपत में होगा इजाफा

2025-26 में अनुमान है कि अनाज की खपत भी बढ़कर 289.8 करोड़ टन हो सकती है. इसमें खाद्य उपयोग (खाने के लिए) और चारे के उपयोग (पशु आहार) दोनों में वृद्धि होगी. कुल मिलाकर, उत्पादन खपत से थोड़ा ज्यादा रहेगा, जिससे भंडार फिर से थोड़ा भर सकता है. वो भी 1 फीसदी की बढ़त के साथ 873.6 मिलियन टन तक.

व्यापार में हल्की रिकवरी

2024-25 में अनाज व्यापार में 6.9 फीसदी की गिरावट देखी गई थी, लेकिन 2025-26 में 1.9 फीसदी की हल्की सुधार की उम्मीद है. गेहूं का व्यापार सबसे तेज़ी से बढ़ सकता है, जिसमें 3.8 फीसदी की वृद्धि संभावित है. मोटे अनाजों के व्यापार में भी 0.9 फीसदी की बढ़त हो सकती है, जबकि चावल के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 0.7 फीसदी की मामूली गिरावट आने का अनुमान है.