अक्टूबर से 11 लाख लाभार्थी नहीं उठा पाएंगे फ्री राशन, इस वजह काटे जाएंगे नाम
केंद्र ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह NFSA के तहत 11 लाख संदिग्ध लाभार्थियों की जांच कर 30 सितंबर तक हटाएं. ये लाभार्थी करदाता, बड़ी जमीन या वाहन मालिक हैं.
केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सूचीबद्ध 11 लाख ‘संदिग्ध’ लाभार्थियों की जांच करे और उन्हें 30 सितंबर तक हटाए. यानी इन लोगों को अक्टूबर से फ्री राशन का लाभ नहीं मिलेगा. केंद्र का कहना है कि ये लाभार्थी या तो इनकम टैक्स देते हैं, कंपनियों में डायरेक्टर हैं. साथ ही पांच एकड़ से ज्यादा जमीन के मालिक हैं या फिर उनके पास चार पहिया वाहन है. केंद्र ने कहा है कि इन मानदंडों के हिसाब से ये लोग ‘गरीब’ श्रेणी में नहीं आते और ऐसे में उन्हें मुफ्त राशन मिलना सही नहीं है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में केंद्र ने कई मंत्रालयों और विभागों जैसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज, कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की जानकारी साझा की है. इस डेटा से पता चला है कि देश में कुल आठ करोड़ संदिग्ध लाभार्थी हैं, जिनमें से 11 लाख पंजाब में हैं. केंद्र इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और गलत तरीके से लाभ लेने वालों को रोकने के लिए कार्रवाई करना चाहता है.
पंजाब में कुल 1.53 करोड़ लाभार्थी
पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत कुल 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं. हर लाभार्थी को प्रति माह 5 किलो गेहूं मिलता है, जिसकी कीमत सिर्फ रुपये 2 प्रति किलो है. पंजाब में सरकार तीन महीने का राशन एक साथ देती है, यानी हर महीने लगभग 32,500 मीट्रिक टन गेहूं वितरित किया जाता है. सरकार के सूत्रों ने बताया कि पंजाब में संदिग्ध लाभार्थियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में कम है, क्योंकि यहां ई-केवाईसी (eKYC) प्रक्रिया अभी जारी है. जांच के बाद राज्य सरकार पहले ही 32,473 लाभार्थियों को हटा चुकी है.
संदिग्ध लाभार्थियों की होगी जांच
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम केंद्र से अब इन संदिग्ध लाभार्थियों की जांच के लिए छह महीने का समय मांगेंगे. क्योंकि तीन हफ्तों में धान की खरीद शुरू होनी है, इसलिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की पूरी टीम इस काम में लगेगी. साथ ही, जांच शुरू करने से पहले हम लाभार्थियों का पूरा डेटाबेस भी केंद्र से मांगेंगे. इसलिए फिलहाल पंजाब सरकार को जांच में थोड़ा और समय चाहिए ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए.
हरियाणा में भी हुई थी कार्रवाई
बता दें कि बीते जून महीने में इसी तरह का मामला हरियाणा में सामने आया था. सिरसा जिले में 31,000 से ज्यादा परिवारों को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और अंत्योदय अन्न योजना की सूची से हटा दिया गया. यह कार्रवाई सिटिजन रिसोर्सेज इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट (CRID) द्वारा की गई सख्त जांच के बाद की गई थी.