बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई सौगात दी है. अब अगर किसान अपने खेत में गेंदा फूल उगाते हैं तो सरकार से सीधे 40 हजार का अनुदान मिलेगा. राज्य में पहली बार इस फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘गेंदा फूल विकास योजना’ शुरू की गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस योजना की जानकारी दी और इसे किसानों की आय बढ़ाने वाला मजबूत कदम बताया. अगर आप किसान हैं और खाली खेत में कुछ नया करना चाहते हैं तो अब वक्त है कि गेंदा फूल लगाइए और सीधा पैसा पाइए.
50 फीसदी अनुदान देगी सरकार
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गेंदा फूल विकास योजना पूरे बिहार राज्य में लागू की जाएगी. इसके तहत गेंदा फूल की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 80 हजार रुपये की अनुमानित लागत तय की गई है. इस लागत का 50 फीसदी यानी 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक सरकार अनुदान के रूप में देगी. इसके अलावा, किसानों को अच्छी क्वालिटी वाले पौधे उनकी मांग के अनुसार सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि खेती की शुरुआत में ही उन्हें बेहतर संसाधन मिल सकें.
632 लाख का फंड मंजूर
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने इस योजना पर 632.50 लाख रुपये की स्वीकृति दी है. यह राशि सभी जिलों में गेंदा फूल की खेती बढ़ाने में खर्च होगी. सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इससे जुड़ें और इसका लाभ उठाएं.
धार्मिक और त्योहारों में ज्यादा मांग
गेंदा फूल की मांग पूरे साल बनी रहती है, खासकर शादी, पूजा और त्योहारों में. कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इसकी बाजार में लगातार मांग रहती है और यही वजह है कि सरकार ने इसे व्यावसायिक खेती का हिस्सा बनाने का फैसला लिया है. खेती के साथ-साथ फूलों के प्रोसेसिंग और मार्केटिंग पर भी काम होगा.
पौधे भी मिलेंगे सब्सिडी में
किसानों को गेंदा फूल की पौध भी अनुदानित दरों पर मिलेगी. यानी बाजार से महंगे पौधे खरीदने की जरूरत नहीं. फूल उगाने के बाद संबंधित प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के सत्यापन के बाद किसान को सीधे भुगतान मिलेगा. जिले के सहायक निदेशक (उद्यान) ये पैसा जारी करेंगे.
फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता और रोजगार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना फूलों की खेती को संगठित व्यवसाय बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. यह योजना बिहार को पुष्प उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम होगी.