कर्ज लेकर वापस करना भूल जा रहे किसान, केसीसी धारकों पर 9 लाख करोड़ रुपये बकाया

देशभर के केसीसी धारकों पर मोटी रकम बकाया है, जिसके भुगतान के लिए राज्यों के जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को प्रोत्साहित करें.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 30 Jun, 2025 | 11:21 PM

केंद्र सरकार किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम चला रही है. इसके तहत पात्र किसानों को 5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जा रहा है. आंकड़े से पता चलता है कि किसान कर्ज के रूप में ली गई रकम सरकार को वापिस नहीं कर रहे हैं. क्योंकि, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार केसीसी कार्ड धारक किसानों पर 9.5 लाख करोड़ रुपये बकाया है. राज्यों के कृषि अधिकारी और बैंक अधिकारी अब किसानों को याद दिला रहे हैं कि वे कर्ज ली गई रकम की किस्त को समय पर भर दें.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए किसानों की वित्तीय जरूरत पूरी की जा रही है. यह योजना किसानों की पैसे की दिक्कत खत्म करने में काफी मददगार साबित हुई है. मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2024 तक देश में 7.75 करोड़ किसानों ने केसीसी खाते एक्टिव हैं. इन खातों पर 9.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.

डिफाल्टर होने से बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश

किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को लोन लौटाने में मदद के लिए केंद्र सरकार पिछले 10 साल में 1.44 लाख करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी भी दी है. देशभर के केसीसी धारकों पर मोटी रकम बकाया है, जिसके भुगतान के लिए राज्यों के जिला कृषि अधिकारियों और बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को प्रोत्साहित करें. ताकि, कर्ज का भुगतान समय पर हो सके और किसानों को डिफॉल्टर होने से बचाया जा सके. बैंकोंं को प्रोत्साहन शिविर लगाने को कहा गया है.

हिमाचल में किसानों पर 3 हजार करोड़ बकाया

हिमाचल प्रदेश में मार्च 2025 तक किसान क्रेडिट कार्ड के कुल 93745 खातों में 3304 करोड़ 12 लाख रुपये की बकाया राशि है. शिमला के उपायुक्त ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कोई भी किसान डिफाल्टर नहीं होना चाहिए, इसलिए किसानों को समय पर रकम अदायगी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इस तिमाही में सभी बैंक द्वारा लगभग 736 वित्तीय साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि साक्षरता शिविरों के माध्यम से बैंकिंग अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकार की योजनाओं एवं बैंकिंग प्रणाली से अवगत कराएं.

हर किसान को कितना लोन मिल रहा

केंद्र सरकार ने 2019 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है. 2024 के अंत तक योजना के तहत केसीसी लाभार्थियों 3 लाख रुपये का लोन मिल रहा था, जिसे 2025 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. योजना में पहले मछली पालक और डेयरी किसान शामिल नहीं थे, जिन्हें अब योजना में शामिल कर लिया गया है. योजना के तहत लोन पर 7 फीसदी ब्याज दर लगती है, जिसमें से 3 फीसदी छूट दी जा रही है और किसानों को केवल 4 फीसदी ब्याज ही चुकाना पड़ता है.

किन कार्यों के लिए पैसा मिलता है

  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए रकम दी जाती है.
  • किसानों को प्रतिस्पर्धी बाजार दरों पर अपनी उपज बेचने तक वित्तीय अंतर को पाटने में मदद के लिए राशि दी जाती है.
  • जरूरी कृषि उपकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव में सहायता के लिए लोन दिया जाता है.
  • पशुपालन, मछली पालन के लिए भी आवेदकों को लोन के रूप में राशि दी जाती है.
  • डेयरी खोलने के लिए भी किसानों लोन के रूप में राशि दी जाती है.
  • कृषि से जुड़ा धंधा शुरू करने के लिए भी किसान लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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Published: 30 Jun, 2025 | 05:41 PM

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