राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मोती पालन परियोजना का किया शुभारंभ, अब किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किसान दिवस पर राजभवन में मोती पालन परियोजना का उद्घाटन किया. यह नवाचार किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर देने वाला है. केंद्र की पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है. तालाब में 10,000 सीप पालन से 18 महीनों में 8.5 लाख तक की आमदनी संभव है.

नोएडा | Updated On: 23 Dec, 2025 | 07:03 PM

Uttar Pradesh News: किसान दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन परिसर में मोती पालन (पर्ल फार्मिंग) परियोजना का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने तालाब में सीप (ओयस्टर) डालकर परियोजना का उद्घाटन किया. राज्यपाल ने कहा कि देश की तरक्की सीधे किसानों की समृद्धि से जुड़ी है और कृषि में नवाचार किसानों की आय बढ़ाने का एक मजबूत तरीका है. उन्होंने परियोजना स्थल पर एक निजी कृषि कंपनी द्वारा प्रदर्शित ओयस्टर सर्जरी प्रक्रिया को देखा और इसे अभिनव पहल बताया.

पटेल ने कहा कि ऐसे नवाचार आधारित प्रोजेक्ट नए रोजगार के अवसर पैदा करते हैं और किसान दिवस  के संदेश को सशक्त रूप से व्यक्त करते हैं, जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने बलिया जिले के किसान जेपी पांडेय की सफलता की कहानी भी साझा की, जिन्होंने गीर नस्ल की गायों का वैज्ञानिक पालन करके दूध और डेयरी उत्पाद बनाए, गांव में स्थानीय बाजार विकसित किया और अब लाखों रुपये कमा रहे हैं, साथ ही लगभग 200 किसानों को प्रेरित किया है.

राज्यपाल ने प्रबंधन की अहमियत पर जोर दिया

राज्यपाल ने पशुपालन में मौसम के अनुसार प्रबंधन की अहमियत पर जोर दिया, खासकर सर्दियों में विशेष इंतजाम करने की जरूरत को रेखांकित किया और सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता बताई. उन्होंने निर्देश दिए कि एमएनआई एग्रो हब प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन  (MoU) किया जाए. राज्यपाल ने कहा कि वह राजभवन में देखी गई नवाचारी पहल को अन्य जगहों पर भी लागू करने का प्रयास करेंगी, ताकि वहां काम करने वाले लोग इसका लाभ उठा सकें.

50 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है

इस मौके पर एमएनआई एग्रो हब के निदेशक आनंद त्रिपाठी ने बताया कि मोती प्राकृतिक रत्न हैं और उनका घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार मांग है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन कम है. उन्होंने कहा कि मोती पालन एक वैज्ञानिक, स्थायी और लाभकारी कृषि व्यवसाय है, जो किसानों की आय बढ़ाता है और नए रोजगार के अवसर भी पैदा करता है. उन्होंने यह भी बताया कि मोती पालन के लिए केंद्र की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना  के तहत 50 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है.

निगरानी और विपणन में सहायता भी प्रदान करती है

त्रिपाठी ने कहा कि मोती पालन चरणबद्ध तरीके से किया जाता है. 2,000 वर्ग फीट के तालाब में 10,000 सीप पालने पर 18 महीनों में औसतन 8.5 लाख रुपये तक की शुद्ध आय हो सकती है. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, निगरानी और विपणन में सहायता भी प्रदान करती है.

Published: 23 Dec, 2025 | 11:30 PM

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