बिहार में पैदावार बढ़ाने के लिए मॉडर्न तकनीकों का होगा इस्तेमाल, किसानों को मिलेगी बंपर सब्सिडी

बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण के लिए मल्चिंग तकनीक को बढ़ावा दे रही है. इसके तहत प्लास्टिक, जूट व एग्रो-टेक्सटाइल मल्च पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. यह तकनीक सब्जियों, फलों व फूलों की खेती में फायदेमंद साबित हो रही है.

नोएडा | Updated On: 12 May, 2025 | 11:16 AM

बिहार में फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को सब्सिडी पर कृषि के टूल्स  उपलब्ध कराए जाएंगे. खास बात यह है कि इसकी जानकारी खुद डिप्टी सीएम और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के जरिए पैदावार बढ़ाने और पानी की बचत के लिए प्लास्टिक, जूट और एग्रो-टेक्सटाइल मल्च के उपयोग को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मल्च अपनाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये की एकमुश्त लागत में से 50 फीसदी की आर्थिक सहायता दी जाएगी.

डिप्टी सीएम ने कहा कि मल्चिंग तकनीक में मिट्टी की ऊपरी सतह को पत्तियों, घास, टहनियों, फसल के अवशेष या भूसे जैसे जैविक पदार्थों से ढका जाता है, जिससे मिट्टी में केंचुए जैसे जीवों की सक्रियता बढ़ती है और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है. सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने, पानी बचाने और फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दे रही है. राज्य के सभी जिलों में प्लास्टिक, जूट और एग्रो-टेक्सटाइल मल्च के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है.

मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मल्च तकनीक खेतों में नमी बनाए रखने, खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बनाए रखने में मदद करती है. उन्होंने कहा कि यह तकनीक खास तौर पर सब्जियों, फलों के पेड़ों और फूलों की खेती में बेहद कारगर साबित हुई है.

मल्चिंग योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी

सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल किसानों को जलवायु परिवर्तन के असर से निपटने और फसल उत्पादन की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगी. मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाकर हरित क्रांति को नई दिशा देने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मल्चिंग योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी, ताकि हर क्षेत्र के किसान इसका लाभ उठा सकें.

किसानों की आमदनी में सीधे होगी बढ़ोतरी

उनके मुताबिक, किसानों को इस तकनीक को अपनाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, खेत पर प्रदर्शन और सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा. इस तकनीक के इस्तेमाल से फसल उत्पादन बढ़ेगा, पानी की खपत कम होगी और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा. इससे किसानों की आमदनी सीधे बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी. सिन्हा ने कहा कि यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि बिहार को कृषि नवाचारों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में भी मदद करेगी.

Published: 12 May, 2025 | 11:09 AM