बिहार की लीची पूरी दुनिया में लोकप्रिय है. लीची के उत्पादन में बिहार देश में पहले नंबर पर है जबकि आम उत्पादन में बिहार तीसरे और केले के उत्पादन में देश में 8वें नंबर पर है. बिहार सरकार अब प्रदेश में इन तीनों फलों की खेती बढ़ाने पर जोर दे रही है. जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है. बता दें कि बिहार के सभी जिलों में आम और केले के बागानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. साथ ही 6 जिलों में लीची की रकबा बढ़ाने की भी तैयारी है.
रकबा बढ़ाने पर मिलेगी सब्सिडी
बिहार में किसानों को लीची, आम और केले की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने का फैसला किया है. बता दें कि आम और लीची का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को प्रति हेक्टेयर पर 80 हजार रुपये की सब्सिडी देगी वहीं केला की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 70 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. सब्सिडी मुहैया कराने के लिए किसानों का चुनाव पहले आओ पहले पाओ योजना के आधार पर किया जाएगा. लीची का रकबा बढ़ाने के लिए बिहार के 6 जिलों वैशाली, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और सीवान को चुना गया है.
400 आम के पौधे लगाए जाएंगे
बिहार सरकार की इस योजना के तहत रकबा बढ़ाने वाले किसानों को 5 मीटर की दूरी पर आम के पौधे और 4.5 मीटर की दूरी पर लीची के पौधों को लगाना होगा. ऐसा करने से प्रति हेक्टेयर जमीन पर 400 आम के पौधे और 424 लीची के पौधे लगाए जा सकेंगे. बता दें कि फलों का रकबा बढ़ाने के साथ ही बागों को कीट से बचाव के भी उपाय किए जाएंगे. कीटों से बचाव के लिए फसलों पर जरूरी कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा. बिहार कृषि विभाग ने सोशल मीडया के माध्यम से ये जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने इन फसलों का रकबा बढ़ाने और कीटों से बचाने के लिए करीब 12 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है.
टिश्यू कल्चर केला का होगा विस्तार
बिहार में टिश्यू कल्चर केला की खेती के लिए किसानों को तीन प्रजातियों के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. इनमें मालभोग, चिनिया और जी-9 प्रजातियां शामिल हैं. टिश्यू कल्चर केला की खेती के लिए बिहार सरकार किसानों को 70 हजार रुपये की सब्सिडी भी देगी.