भूमि अधिग्रहण पर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, बढ़ाई मुआवजा राशि.. किसानों के लिए ये खास सुविधा

पंजाब सरकार ने 3 जून को लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू की थी. लेकिन इसके बाद से किसान, किसान संगठन और कई राजनीतिक पार्टियां इस नीति का विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यह नीति किसानों और गांव के लोगों की आजीविका छीनने और उन्हें उजाड़ने के लिए लाई गई है.

नोएडा | Published: 22 Jul, 2025 | 05:03 PM

Punjab Land Acquisition: पंजाब सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को एक अहम फैसला लेते हुए किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले मिलने वाले सालाना मुआवजे को 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी तय किया गया कि जिन किसानों की छोटी जमीन (1 कनाल से 7 कनाल तक) ली जाएगी, उन्हें रिहायशी प्लॉट और व्यावसायिक जगहें दी जाएंगी. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई किसान 1 कनाल जमीन भूमि पूलिंग के जरिए देता है, तो उसे 125 वर्ग गज का रिहायशी प्लॉट और 25 वर्ग गज का बूथ मिलेगा. वहीं, 7 कनाल जमीन देने पर किसान को 500, 250 और 125 वर्ग गज के तीन रिहायशी प्लॉट, 100 वर्ग गज का एससीओ (दुकान व दफ्तर कॉम्प्लेक्स) और 75 वर्ग गज की दुकान मिलेगी.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई किसान व्यावसायिक साइट नहीं लेना चाहता, तो उसे रिहायशी प्लॉट तीन गुना बड़ा दिया जाएगा. सीएम भगवंत मान ने कहा कि जब तक अधिग्रहीत जमीन पर विकास कार्य शुरू नहीं होता, तब तक किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा मिलता रहेगा और वे खेती भी जारी रख सकते हैं. किसी से जबरदस्ती जमीन नहीं ली जाएगी. भूमि पूलिंग के तहत एक एकड़ जमीन देने वाले किसानों को 1,000 वर्ग गज का रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज की व्यावसायिक साइट देने का इरादा पत्र (LoI) 21 दिन के अंदर जारी किया जाएगा.

21 शहरों और कस्बों में 65,533 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ किया है कि किसान इरादा पत्र (Letter of Intent) के आधार पर बैंक से लोन ले सकते हैं और ऐसी जमीन की रजिस्ट्री पर भी कोई रोक नहीं है. सोमवार को हाउसिंग मंत्री हरदीप सिंह मुंडियाल ने 164 गांवों के किसानों से मुलाकात कर ये नई रियायतें देने का वादा किया था. सरकार का प्लान है कि राज्य के 21 शहरों और कस्बों में 65,533 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर वहां इंडस्ट्रियल और रिहायशी जोन बनाए जाएं.

राजनीतिक पार्टियां इस नीति का विरोध कर रहे हैं

पंजाब सरकार ने 3 जून को लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू की थी. लेकिन इसके बाद से किसान, किसान संगठन और कई राजनीतिक पार्टियां इस नीति का विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यह नीति किसानों और गांव के लोगों की आजीविका छीनने और उन्हें उजाड़ने के लिए लाई गई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष केवल झूठा प्रचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को मिलने वाली व्यावसायिक साइट्स से उन्हें कमाई का जरिया मिलेगा. मैं खुद एक पंजाबी हूं, मैं कोई ऐसा कानून क्यों लाऊंगा जो गांव वालों को उजाड़े? ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.