टमाटर से शुरू करें फूड प्रोसेसिंग बिजनेस, जानें लागत से लेकर मुनाफा तक सब कुछ
किसानों और उद्यमियों के सामने अक्सर टमाटर खराब होने की समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे समय में टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट एक शानदार और कम जोखिम वाला व्यापार बनकर उभरता है, जो न सिर्फ टमाटर को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है, बल्कि इससे कई तरह के मूल्यवान उत्पाद भी तैयार किए जा सकते हैं.
Business News: टमाटर हमारे रसोईघर की सबसे जरूरी सब्जियों में से एक है. इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, लेकिन उत्पादन मौसम आधारित होने के कारण एक समय में अधिक और दूसरे समय में कम होता है. इसी वजह से किसानों और उद्यमियों के सामने अक्सर टमाटर खराब होने की समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे समय में टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट एक शानदार और कम जोखिम वाला व्यापार बनकर उभरता है, जो न सिर्फ टमाटर को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है, बल्कि इससे कई तरह के मूल्यवान उत्पाद भी तैयार किए जा सकते हैं. आइए पूरी प्रक्रिया, लागत और फायदे को बेहद आसान भाषा में समझते हैं.
टमाटर प्रोसेसिंग क्या है और क्यों जरूरी है?
टमाटर प्रोसेसिंग का मतलब है ताजे टमाटर को ऐसे उत्पादों में बदलना जिन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके—जैसे टमाटर प्यूरी, सॉस, केचप, पेस्ट, सूप बेस और ड्रेसिंग. यह प्रक्रिया न सिर्फ टमाटर खराब होने से बचाती है, बल्कि किसानों को बेहतर कीमत भी दिलाती है. जब बाजार में टमाटर की भरमार होती है, तब यही उद्योग टमाटर को बड़ी मात्रा में खरीदकर किसान की आमदनी को स्थिर बनाता है.
व्यवसाय शुरू करने के लिए क्या-क्या चाहिए?
स्थान और संरचना
प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 1000–1500 वर्ग फुट का साफ-सुथरा और अच्छी वेंटिलेशन वाला स्थान काफी होता है. पानी और बिजली की उपलब्धता जरूरी है.
मशीनें और उपकरण
टमाटर प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख मशीनें—
- टमाटर धोने की मशीन
- छीलने और काटने की मशीन
- प्यूरी/सॉस बनाने वाली मशीन
- बॉयलर व पाश्चराइजेशन सिस्टम
- पैकिंग मशीन
- स्टोरेज टैंक और कंटेनर
इन मशीनों की गुणवत्ता उत्पादन की शुद्धता और टिकाऊपन तय करती है.
कच्चा माल और अन्य संसाधन
सीधे किसानों या मंडियों से ताजा और गुणवत्ता वाले टमाटर की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होती है. इसके अलावा प्रशिक्षित श्रमिक, हाइजीन मैनेजमेंट और नियमित मशीन मेंटेनेंस भी जरूरी है.
टमाटर प्रोसेसिंग की आसान प्रक्रिया
टमाटर की साफ-सफाई और छंटाई
सबसे पहले टमाटरों को छांटकर खराब या सड़े हुए टमाटर हटा दिए जाते हैं. इसके बाद इन्हें मशीन में अच्छी तरह धोया जाता है.
छीलना और काटना
धुले हुए टमाटरों को मशीन की मदद से छिलका हटाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है.
प्यूरी/सॉस तैयार करना
काटे हुए टमाटर को प्यूरी मशीन में डाला जाता है, फिर प्यूरी को पाश्चराइजेशन प्रक्रिया से गुजारा जाता है ताकि यह अधिक समय तक सुरक्षित रहे.
पैकिंग और भंडारण
तैयार उत्पाद को एयरटाइट कंटेनरों में पैक किया जाता है और ठंडे स्थान पर रखा जाता है. अच्छी पैकिंग से उत्पाद की शेल्फ लाइफ और मार्केट वैल्यू दोनों बढ़ जाती हैं.
यूनिट लगाने की लागत कितनी आती है?
टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट को लगाने में कुल खर्च 20 लाख से 50 लाख रुपये के करीब आता है. खर्च मुख्य रूप से इन पर होता है—
- मशीनरी
- इमारत/शेड
- कच्चा माल
- पैकिंग सामग्री
- मजदूरी और बिजली-पानी
- यूनिट जितनी बड़ी होगी, लागत उतनी ही बढ़ेगी.
इस व्यवसाय से कितना मुनाफा होता है?
एक अच्छी तरह स्थापित यूनिट आसानी से 20–35 फीसदी तक मुनाफा दे सकती है. प्रोसेस्ड टमाटर उत्पादों की बाजार कीमत हमेशा ताजे टमाटर से कई गुना ज्यादा होती है. इसके अलावा सालभर बिक्री, निर्यात की संभावना, होटल और फूड इंडस्ट्री से बड़े ऑर्डर मुनाफे को और बढ़ा देते हैं.
सरकारी योजनाएं और मदद
टमाटर प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं—
- मुद्रा लोन योजना
- कृषि एवं प्रसंस्करण मंत्रालय की सब्सिडी
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
- PMFME (फूड प्रोसेसिंग माइक्रो एंटरप्राइजेज) योजना
इनसे मशीनरी, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता आसानी से मिल जाती है.
यूनिट स्थापित करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
- केवल ताजा और उच्च गुणवत्ता वाले टमाटर का उपयोग करें
- मशीनों की नियमित सर्विस करें
- स्वच्छता मानकों का पालन करें
- आकर्षक पैकिंग और ब्रांडिंग पर ध्यान दें
- पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन करें