अचानक महंगी हुईं सब्जियां, रिकॉर्ड 650 रुपये किलो तोरई.. टमाटर ने बिगाड़ा किचन बजट

मंडियों में सब्जियों की सप्लाई  काफी कम हो गई है. इससे हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं. वहीं, कीमत में बढ़ोतरी के चलते थोक व्यापारी भी खासकर तोरई की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. इससे रिटेल मार्केट में यह कुछ ज्यादा ही महंगी हो गई है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 26 Nov, 2025 | 12:33 PM

Mandi Bhav: टमाटर की कीमत में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टमाटर 80 रुपये किलो बिक रहा है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. कई लोगों ने टमाटर खरीदना ही छोड़ दिया है. वहीं, बींस और सेम 60 रुपये किलो बिक रही हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगले महीने से हरी सब्जियों की कीमत में कुछ गिरावट आ सकती है. खास बात यह है कि सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो गई है. तमिनाडु में भी हरी सब्जियां महंगी बीक रही हैं. जहां तोरई 650 रुपये किलो बीक रही है, वहीं एक किलो टमाटर का भाव 100 रुपये हो गया है.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर में थोक सब्जियों की कीमतें तेजी  से बढ़ गई हैं, जिससे आम घरों पर असर पड़ा है. टीके मार्केट सब्जी व्यापारियों संघ के अध्यक्ष एम. राजेंद्रन ने कहा कि हाल के दिनों में खासकर तोरई और टमाटर की कीमतें बढ़ गई हैं. नवंबर-दिसंबर में बारिश के कारण टमाटर और तोरई की कीमतें सामान्यतः बढ़ जाती हैं. धारापुरम मार्केट में तोरई की थोक कीमत 650 रुपये प्रति किलो है, जबकि कोयंबटूर में थोक व्यापारी इसे 400 से 450 रुपये प्रति किलो में खरीद पा रहे हैं.

इस वजह से महंगी हुई तोरई

दरअसल, मंडियों में सब्जियों की सप्लाई  काफी कम हो गई है. इससे हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं. वहीं, कीमत में बढ़ोतरी के चलते थोक व्यापारी भी खासकर तोरई की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. इससे रिटेल मार्केट में यह कुछ ज्यादा ही महंगी हो गई है. व्यापारियों का कहना है कि जब उत्तर भारत के राज्यों, खासकर आगरा से आपूर्ति शुरू होगी, तब कीमतें कम हो सकती हैं.

100 रुपये किलो बिक रहा टमाटर

टीके मार्केट में सोमवार को टमाटर की थोक कीमत 60 रुपये प्रति किलो थी, जो मंगलवार को 100 रुपये तक पहुंच गई. अब आपूर्ति कर्नाटक से हो रही है, लेकिन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश के कारण फसल में देरी हुई है, इसलिए कर्नाटक का उत्पादन  वहां जा रहा है. आम तौर पर कोयंबटूर रोजाना 10,000 बॉक्स (प्रति बॉक्स 25 किलो) टमाटर मिलता है, लेकिन अब मात्र एक-तिहाई ही आ रहा है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञों

विशेषज्ञों के अनुसार, टमाटर की कीमतें कम से कम एक महीने इसी स्तर पर रह सकती हैं. कीमत बढ़ने से मांग कम हो जाती है. इसे अब केवल शादी और विशेष रेस्टोरेंट्स में इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि घर वाले इतनी महंगी सब्जियां  लंबे समय तक नहीं ले सकते, लेकिन किसानों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि उन्हें लाभ हो रहा है.

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Published: 26 Nov, 2025 | 12:31 PM

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