Vegetable price hike: मध्य प्रदेश के इंदौर में सब्जियों की आवक अचानक घटने से दाम तेजी से बढ़ गए हैं, जिससे आम लोगों का रसोई बजट बिगड़ गया है. रिटेल बाजार में जो टमाटर पिछले हफ्ते 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे थे, अब बढ़कर 50 से 70 रुपये किलो हो गए हैं. इसी तरह हरी मटर 180 से 200 रुपये प्रति किलो मिल रही है. हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमत में गिरावट आ सकती है. वहीं, महंगाई के पीछे की वजह बेमौसम बारिश है. कहा जा रहा है कि निमाड़ और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में हाल की बेमौसम बारिश ने खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया, जबकि निमाड़ से ही इंदौर की 60 फीसदी सब्जियां आती हैं. नमी से खराब खेत, कम तोड़ाई और ट्रकों की कम आवाजाही से बाजार में सब्जियों की मात्रा घट गई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हरी पत्तेदार और लौकी-तोरी जैसी सब्जियां 20 से 30 फीसदी महंगी हो गई हैं. चोइथराम मार्केट में भिंडी अब 50 से 60 रुपये किलो है, जबकि पहले 25 से 35 रुपये थी. इसी तरह तोरी 40 से 60 रुपये किलो और शिमला मिर्च 40 से 50 रुपये किलो बिक रही है. हरी मिर्च भी 20 रुपये से बढ़कर 25 से 30 रुपये प्रति किलो हो गई है. विक्रेता आसिफ मंसूरी ने कहा कि निमाड़ और महाराष्ट्र से सब्जियों की आवक काफी कम हो गई है.
ग्राहक इस तरह कर रहे सब्जियों की खरीदारी
यानी हर ट्रक में सब्जियों का नुकसान साफ दिख रहा है और लगभग सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. महंगाई बढ़ने से लोगों की खाने की आदतें भी बदल रही हैं. कई ग्राहकों का कहना है कि महंगाई का सीधा असर उनके घर के बजट पर पड़ रहा है. अन्नपूर्णा रोड की निवासी ममता भार्गव ने कहा कि उनका साप्ताहिक सब्जी खर्च 300 से 400 रुपये बढ़ गया है, इसलिए वे मटर और टमाटर कम खरीद रही हैं और उसी दिन जो सस्ता मिल जाए, वही ले रही हैं.
सब्जियों के ऊपर बढ़ गए आम जनता के खर्च
अन्य लोगों ने भी कहा कि दाम अब कई परिवारों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. खुदरा दुकानदारों के अनुसार, ग्राहक अब सोच-समझकर खरीदारी कर रहे हैं और महंगी सब्जियों की जगह सस्ते विकल्प चुन रहे हैं. एक परदेशीपुरा व्यापारी ने कहा कि जो परिवार पहले रोज 200 से 300 रुपये की सब्जियां लेते थे, अब 350 से 450 रुपये खर्च कर रहे हैं. महंगाई का असर तुरंत दिख रहा है.