प्लास्टिक थाली से भी ज्यादा महंगा हुआ केले का पत्ता, 90 रुपये में मिल रहे केवल 5 पत्ते

मदुरै के मट्टुथावनी सब्जी मंडी में, जहां लगभग 40 व्यापारी केले के पत्तों का व्यापार करते हैं, 200 पत्तों का गट्ठा 1,000 से 1,500 रुपये में बिका. नागरकोइल के एपीपीटीए मार्केट में 150 पत्तों का गट्ठा 800 से 1,000 रुपये में बिका, जबकि सामान्य दिनों में इसकी कीमत सिर्फ 250 से 300 रुपये होती है.

नोएडा | Updated On: 3 Dec, 2025 | 08:33 PM

हाल ही में तमिलनाडु में तेज तूफानी हवाओं ने सैकड़ों एकड़ केले की फसलों को नुकसान पहुंचा दिया, जिसकी वजह से केले के पत्तों की कीमत कई गुना बढ़ गई है. इससे होटलों और शादी आयोजकों को काफी दिक्कत हो रही है. सोमवार को 200- 240 पत्तों का एक गट्ठा 3,200 रुपये से 3,500 रुपये में बिका. खुदरा बाजार में पांच पत्तों का सेट 80 रुपये से 90 रुपये तक पहुंच गया. व्यापारियों और किसानों के अनुसार, कम आवक और कार्तिगई दीपम त्योहार के पहले बढ़ी मांग ने कीमतें और बढ़ा दी हैं. खास  बात यह है कि मौजूद वक्त में केले के पत्ते प्लास्टिक की थाली से भी ज्यादा महंगे हो गए हैं. क्योंकि अभी amazon पर प्लास्टिक की 25 थाली 299 रुपये में आ रही है.

हालांकि, बारिश से पहले छोटे पत्तों का यही गट्ठा करीब 300 रुपये और बड़े पत्तों का 600 रुपये में मिलता था. तिरुनेलवेली के नेहरू बोस मार्केट के व्यापारी एसपीडी अलागेसन कहते हैं कि तूफान के बाद थूथुकुडी, तिरुनेलवेली और तेन्कासी के कई इलाकों से पत्तों की आवक बहुत कम हो गई है. आयुध पूजा के समय गट्ठा 5,000 रुपये तक बिकना आम है, लेकिन इस बार बिना त्योहार के मौसम में कीमतों में इतना उछाल  पहली बार देखा गया.

सामान्य दिनों में कितनी होती है कीमत

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मदुरै के मट्टुथावनी सब्जी मंडी में, जहां लगभग 40 व्यापारी केले के पत्तों का व्यापार करते हैं, 200 पत्तों का गट्ठा 1,000 से 1,500 रुपये में बिका. नागरकोइल के एपीपीटीए मार्केट में 150 पत्तों का गट्ठा 800 से 1,000 रुपये में बिका, जबकि सामान्य दिनों में इसकी कीमत सिर्फ 250 से 300 रुपये होती है.

नमी के चलते खराब हो रहे हैं पत्ते

थेनी में केले के पत्तों की कीमत में कोई खास बदलाव नहीं हुआ. थेनि कामधेनु फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष तिरुग्णानम ने कहा कि खुदरा व्यापारी  100 पत्तों का गट्ठा खरीदकर पांच पत्तों वाले एक ‘कट्टू’ को 30 रुपये में बेच रहे हैं. तिरुची के गांधी मार्केट में मंगलवार को कीमतें अचानक बढ़कर 1,000 रुपये प्रति गट्ठा हो गईं, जबकि एक दिन पहले यह 600 से 750 रुपये थी. किसानों का कहना है कि लगातार नमी रहने से कई पत्ते खराब हो गए, जिससे बाजार में सप्लाई कम हो गई.

कीमत में बंपर बढ़ोतरी

थंजावुर जिले में तीन दिनों तक बारिश होने से पत्तों की तुड़ाई रुक गई. जिला केला उत्पादक संघ के अध्यक्ष एम. मथियाझगन ने कहा कि 100 पत्तों की कीमत 600 रुपये से बढ़कर 1,500 रुपये हो गई है. तिरुनेलवेली के एक छोटे होटल चलाने वाले एम. राजेंद्रन ने कहा कि इतनी महंगी कीमतों के कारण उन्होंने केले के पत्तों की जगह अब कागज के पत्तों का उपयोग शुरू कर दिया है, हालांकि बड़े होटल अभी भी केले के पत्ते  ही इस्तेमाल कर रहे हैं. जिन लोगों की शादी पास है, वे उच्च कीमतों के बावजूद केले के पत्ते खरीदने को मजबूर हैं. तेन्कासी के टी. कातीरवन ने कहा कि  मेरे बेटे की शादी के लिए मुझे नौ गट्ठों और उनके परिवहन पर करीब 39,000 रुपये खर्च करने पड़े.

Published: 3 Dec, 2025 | 11:30 PM

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