Mandi Bhav: लागत 2500 पर दाम मिल रहा सिर्फ 500 रुपये, प्याज किसानों का ये नुकसान कौन भरेगा?

प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा है कि प्याज की खेती पर लागत 2500 रुपये क्विंटल से भी अधिक है. ऐसे में 500 रुपये मंडी रेट होने से किसानों को नुकसान हो रहा है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 29 Jun, 2025 | 02:52 PM

महाराष्ट्र में प्याज किसानों को उनकी फसल का उचित रेट नहीं मिल रहा है. इससे वे लाभ तो दूर लागत भी नहीं निकाल पर रहे हैं. मौजूदा वक्त में मंडियों के अंदर प्याज का रेट 500 से 1000 रुपये क्विंटल है. जबकि, प्याज की लागत 2500 रुपये क्विंटल है. ऐसे में किसानों की परेशानी कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. खास कर रेट में गिरावट आने से गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के हजारों प्याज किसान गहरे संकट में हैं. कई किसानों ने प्याज की खेती छोड़ने का मन बना लिया है.

प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भरत दिघोले ने किसान इंडिया से कहा कि प्याज की कीमतों में गिरावट आने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि अपनी उपज लेकर मंडी जाने वाले किसानों को 500, 600 और 800 से 1000 रुपये तक ही अधिकतम रेट मिल रहे हैं, जो उनके लिए नकाफी हैं. ऐसे में वे लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. अगर मंडी में रेट इसी तरह से रहा, तो आर्थिक नुकसान होने से किसान कर्ज तले दब जाएंगे.

कितना है मंडी में प्याज का रेट

भरत दिघोले ने कहा है कि प्याज की खेती करने वाले किसानों की लागत 2500 रुपये क्विंटल भी अधिक है. ऐसे में 500 रुपये 1000 रुपये क्विंटल तक का मंडी रेट किसानों की आर्थिक कमर तोड़ रहा है. उन्होंने कहा है कि मौजूदा वक्त में प्याज का मंडी भाव 3000 रुपये क्विंटल होना चाहिए था. अगर किसानों को 3000 रुपये क्लिंटल से ज्यादा मंडी रेट मिलता तो लागत निकालने के बाद उन्हें थोड़ा बहुत मुनाफा हो जाता. उन्होंने कहा कि कम कीमत होने के चलते महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों में प्याज की खेती करने वाले किसान काफी गुस्से में हैं.

कीमत में गिरावट के लिए केंद्र जिम्मेदार

उन्होंने कहा कि प्याज की कीमत में गिरावट के लिए केंद्र सरकार भी जिम्मेदार है. उनके मुताबिक, जब भी प्याज का रेट बढ़ता है, तो केंद्र सरकार प्याज के निर्यात पर अलग-अलग तरीके से पाबंदी लगा देती है. लेकिन जब दाम गिरते हैं, तो केंद्र सरकार किसानों के हित के लिए कोई कदम नहीं उठाती है. भरत दिघोले ने कहा कि ऐसे में हम प्याज उत्पादक संगठन के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं, वह प्याज निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कोई नई पहल शुरू करे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्याज किसानों को मंडी भाव 3000 रुपये क्विंटल से अधिक मिलना चाहिए. साथ ही दूसरी तरफ अभी तक सरकार ने बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीदी शुरू नहीं की है.

कब शुरू होगी प्याज की खरीद

भरत दिघोले ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के लिए जून महीने में ही 5 लाख टन प्याज की खरीदी पूरी कर ली थी. लेकिन इस साल अभी तक प्याज की खरीदी शुरू नहीं हुई है. ऊपर से सरकार ने बफर स्टॉक के लिए प्याज की मात्रा भी घटाकर 3 लाख टन कर दिया है. ऐसे में उन्होंने केंद्र सरकार से बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीद शुरू करने का अनुरोध किया.

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Published: 29 Jun, 2025 | 02:44 PM

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