इस साल जमकर खाइये आम..UP सहित इन राज्यों में कम हुआ रेट, आगे भी नहीं बढ़ेगा भाव

इस साल आम की पैदावार बढ़ने और किसानों द्वारा जल्दी तुड़ाई के चलते उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आम के दाम गिर गए हैं. दशहरी और तोतापुरी किस्मों में भारी गिरावट से किसानों को नुकसान हो रहा है, जबकि ग्राहकों को सस्ते आम मिल रहे हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 11 Jun, 2025 | 02:07 PM

देश के सबसे बड़े आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल कीमतों में भारी गिरावट आई है. कहा जा रहा है कि पिछले साल के मुकाबले आम के रेट एक-तिहाई तक कम हो गए हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. खास कर दशहरी आम की कीमत में कुछ ज्यादा ही गिरावट दर्ज की गई है. यह मार्केट 40 ले 45 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में इसका रेट 60 प्रति किलो था. यानी इस साल लोगों को सस्ते रेट में आम खाने को मिलेगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने अनुमानित समय से पहले आम की तुड़ाई शुरू कर दी थी, ताकि समय से पहले आने वाली मॉनसूनी बारिश से फसल को नुकसान न हो. ऐसे में मार्केट में आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट आई. हालांकि, किसानों ने ये फैसला भारतीय मौसम विभाग की जून से सितंबर तक सामान्य से ज्यादा बारिश की भविष्यवाणी के बाद लिया.

35 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान

मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स इंसराम अली ने कहा कि इस साल यूपी में आम का उत्पादन करीब 35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल ये 25 लाख मीट्रिक टन था. उन्होंने कहा कि इस बार आम के पेड़ों में 100 फीसदी फ्लावरिंग हुई थी, जिससे अच्छी फसल का संकेत मिला. अली ने कहा कि आने वाले हफ्तों में आम के दाम बढ़ने की संभावना कम है.

आम उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी 20 फीसदी

वैश्विक स्तर पर 2024 में आम का उत्पादन 2.5 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जिसमें अकेले भारत ने लगभग आधा हिस्सा दिया. भारत के बाद चीन ने 38 मीट्रिक टन और इंडोनेशिया ने 36 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन किया. उत्तर प्रदेश भारत के कुल आम उत्पादन में लगभग 20 फीसदी योगदान देता है.

तोतापुरी आम के दाम अचानक गिर गए

इस बीच, आंध्र प्रदेश के तिरुपति और चित्तूर क्षेत्रों में तोतापुरी आम के दाम अचानक गिर गए हैं. इसकी वजह यह है कि पल्प बनाने वाली फैक्ट्रियों ने किसानों से आम खरीदना फिलहाल बंद कर दिया है. हालात तब और बिगड़ गए जब किसानों ने समय से पहले मॉनसून की आशंका के चलते जल्दी तुड़ाई कर ली. इस सीजन में चित्तूर और तिरुपति जैसे प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, क्योंकि बाजार में रेट बहुत कम हैं और पल्प फैक्ट्रियों ने खरीद देर से शुरू की है.

पश्चिम बंगाल में भी गिरा आम का रेट

तिरुपति के आम व्यापारी सुधीर रेड्डी के अनुसार, पिछली बार का बिना बिका पल्प स्टॉक भी इसकी एक बड़ी वजह है. वहीं, पश्चिम बंगाल, जो एक और बड़ा आम उत्पादक राज्य है, वहां भी आम के दाम तेजी से गिरे हैं. पहले जहां प्रीमियम क्वालिटी आम 80 रुपये प्रति किलो बिकता था, अब वही 45 से 50 किलो में बिक रहा है. कोलकाता के आम व्यापारी प्रसांता पाल ने कहा कि इस बार उत्पादन अच्छा है. किसानों की जल्दी तुड़ाई ने भी कीमतों को नीचे गिरा दिया है.

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Published: 11 Jun, 2025 | 02:03 PM

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