फसल बिकने से पहले अब तय होगा दाम, किसानों के लिए फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्यों है जरूरी?

पिछले पांच सालों में देशभर में हजारों एफपीओ बने हैं. सरकार का लक्ष्य 10,000 नए एफपीओ बनाना है, ताकि किसानों को सामूहिक ताकत मिले. इस योजना पर 6,865 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

नई दिल्ली | Updated On: 25 Aug, 2025 | 10:25 AM

किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब सिर्फ खेत में फसल उगाने तक ही नहीं, बल्कि उसकी कीमत तय करने और सही समय पर बेचने की ताकत भी सीधे किसानों के हाथों में होगी. देश की सबसे बड़ी कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज एमसीएक्स (MCX) जल्द ही किसान उत्पादक संगठन (FPOs) को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल करने जा रहा है. इसका मतलब है कि छोटे और मध्यम किसान अब सीधे फ्यूचर्स ट्रेडिंग में हिस्सा ले सकेंगे और बाजार में अपनी फसलों की बेहतर कीमत पा सकेंगे.

क्या है फ्यूचर्स ट्रेडिंग और किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

फ्यूचर्स ट्रेडिंग यानी आने वाले समय में फसलों की कीमत पहले से तय करना. इसका सीधा फायदा यह है कि किसान पहले से अंदाजा लगाकर यह तय कर पाएंगे कि कौन-सी फसल बोनी है और कब बेचनी है. एमसीएक्स पर शामिल होने से किसानों को न सिर्फ पारदर्शी कीमत मिलेगी, बल्कि उन्हें भुगतान और डिलीवरी की गारंटी भी रहेगी.

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, एफपीओ के शामिल होने से किसानों को बैंक और वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने में भी आसानी होगी, क्योंकि अब उनका व्यापार औपचारिक (formal) रूप ले लेगा.

एफपीओ को मिलेंगे विशेष प्रोत्साहन

एमसीएक्स ने एफपीओ को जोड़ने के लिए कई तरह की सुविधाएं देने का ऐलान किया है. इसमें शामिल है-वेयरहाउस किराया, बैग, ट्रांसपोर्ट का खर्च, ब्रोकरेज और मंडी शुल्क और अस्सेइंग (गुणवत्ता जांच) चार्ज. इन सभी खर्चों की भरपाई एक्सचेंज द्वारा की जाएगी.

एनसीडीईएक्स की सफलता से मिली प्रेरणा

इससे पहले एनसीडीईएक्स (NCDEX) ने भी एफपीओ को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ा था. सिर्फ अप्रैल से जुलाई (2025-26) के बीच 46 एफपीओ ने मिलकर 150 करोड़ रुपये का कारोबार किया. इनमें जीरा, धनिया, अरंडी, हल्दी और कपास जैसी फसलें शामिल रहीं. कई किसान समूहों ने महज चार महीनों में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री दर्ज की.

इसी मॉडल को देखकर एमसीएक्स ने भी किसानों को जोड़ने का फैसला लिया है और यहां अतिरिक्त रूप से मेंथा (पुदीना तेल) को भी फ्यूचर्स ट्रेडिंग में शामिल किया जाएगा.

सरकार की योजना 

पिछले पांच सालों में देशभर में हजारों एफपीओ बने हैं. सरकार का लक्ष्य 10,000 नए एफपीओ बनाना है, ताकि किसानों को सामूहिक ताकत मिले. इस योजना पर 6,865 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. हर एफपीओ को 18 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद, किसानों को 2,000 रुपये तक का इक्विटी ग्रांट, और 2 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी दी जा रही है.

आज की तारीख में 9,450 से ज्यादा एफपीओ सरकार के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ONDC पर मौजूद हैं, जबकि कई अपने उत्पाद Amazon और Flipkart जैसी साइटों पर भी बेच रहे हैं.

Published: 25 Aug, 2025 | 10:23 AM

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