गेहूं को छोड़कर कई फसलों की कीमत में भारी गिरावट, MSP से भी कम हैं मंडी रेट

भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार खरीफ और रबी फसलों की बंपर पैदावार से गेहूं को छोड़कर अधिकांश फसलों के मंडी भाव MSP से नीचे हैं. धान और मूंग की बुआई सामान्य से ज्यादा हो चुकी है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 24 May, 2025 | 08:00 AM

इस बार खरीफ और रबी फसलों की बंपर पैदावार के चलते गेहूं को छोड़कर ज्यादातर प्रमुख फसलों के मंडी भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम चल रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मई महीने की शुरुआत से 19 मई तक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अनाज और दालों की कीमतों में भी काफी गिरावट देखने को मिली है. केंद्र सरकार हर साल 23 फसलों के लिए MSP तय करती है. इनमें 14 खरीफ, 7 रबी और 2 वाणिज्यिक फसलें शामिल हैं. हालांकि, सरकार मुख्य रूप से सिर्फ गेहूं और चावल की ही खरीद करती है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और खाद्य सुरक्षा योजनाओं के लिए इस्तेमाल होता है.

RBI की मई बुलेटिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य तेलों की कीमतों में मिला-जुला रुख देखने को मिला. सोयाबीन, सूरजमुखी और सरसों के तेल की कीमतें बढ़ीं, जबकि पाम और मूंगफली के तेल के दाम कुछ कम हुए. सब्जियों की बात करें तो प्याज की कीमतों में और गिरावट आई है, जबकि आलू और टमाटर के दामों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

प्रमुख खाद्यान्नों का मंडी भाव MSP से नीचे

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक की मई बुलेटिन में छपे एक लेख में कहा गया है कि खरीफ और रबी फसलों की बंपर पैदावार और खाद्य महंगाई पर काबू पाने के लिए उठाए गए नीति उपायों के चलते गेहूं को छोड़कर ज्यादातर प्रमुख खाद्यान्नों के मंडी भाव अब MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से नीचे आ गए हैं. यह स्थिति देश की खाद्य सुरक्षा के लिए अच्छी मानी जा रही है. लेख में बताया गया है कि यह आंकड़े 1 अप्रैल से 19 मई, 2025 तक की अवधि के हैं. साथ ही, यह भी साफ किया गया है कि लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के निजी हैं और ये RBI के आधिकारिक विचार नहीं हैं.

धान बुवाई का रकबा 107.6 फीसदी तक पहुंचा

गेहूं को लेकर राजस्थान सरकार ने MSP के ऊपर 150 रुपये प्रति क्विंटल और मध्य प्रदेश सरकार ने 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है. गर्मी की फसलों को लेकर लेख में बताया गया है कि दालों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है. 16 मई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, गर्मी की फसल के रूप में धान की बुवाई सामान्य क्षेत्रफल के 107.6 फीसदी तक पहुंच चुकी है. धान कुल गर्मी की फसल क्षेत्र का लगभग 43 फीदी हिस्सा है. वहीं मूंग (हरी दाल), जो लगभग 27 फीसदी हिस्से में बोई जाती है, उसकी बुवाई सामान्य क्षेत्रफल के 108.2 फीसदी तक हो चुकी है.

कुल रकबा इस बार 80.7 लाख हेक्टेयर

कुल गर्मी की फसलों का रकबा इस समय 80.7 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के इसी हफ्ते की तुलना में 11.9 फीसदी ज्यादा है. लेख में यह भी कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 के लिए सामान्य से अधिक बारिश (LPA का 105 फीसदी) और इसके जल्दी शुरू होने का अनुमान है, जो आने वाले खरीफ सीजन के लिए अच्छी खबर है. इसके साथ ही, प्रमुख खादों (फॉस्फेट वाले खाद को छोड़कर) की मांग इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहने की उम्मीद है.

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Published: 24 May, 2025 | 07:55 AM

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