मेंथा के लिए वरदान बनी बारिश, जानिए कैसे किसानों को अमीर बना रही ये फसल

किसान नेता निसार मेहंदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में अभी बारिश होने से मिट्टी में नमी बढ़ जाएगी जिसके कारण मेंथा की फसल का अंकुरण और अच्छा होगा जो कि किसानों के लिए भी फायदेमंद है.

नोएडा | Updated On: 2 May, 2025 | 05:11 PM

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बेमौसम बारिश एक वरदान की तरह साबित हुई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में मेंथा यानी पिपरमिंट की खेती करने वाले किसानों को बेमौसम हुई बारिश से काफी फायदा हुआ है. किसान नेता निसार मेहंदी ने जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में अभी बारिश होने से मिट्टी में नमी बढ़ जाएगी जिसके कारण मेंथा की फसल का अंकुरण और अच्छा होगा जो कि किसानों के लिए भी फायदेमंद है. जबकि, मेंथा का तेल बाजार में डेढ़ हजार रुपये किलो बिकता है, जिससे इसकी खेती करने वाले किसानों की अच्छी कमाई होती है.

बारिश से किसानों का सिंचाई खर्च बचा

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बड़े पैमाने पर मेंथा की खेती की जाती है. मेंथा की बुवाई का समय मार्च से अप्रैल में होता है. ऐसे में जो किसान मेंथा की बुवाई कर चुके हैं उन्हें अपनी फसल में अब तीसरे या चौथे चरण की सिंचाई करने की जरूरत नहीं होगी. इसके साथ ही जिन किसानों को मेंथा की फसल लगाने में देर हो गई है , उन्हें भी अह इसकी फसल लगाने के लिए 15 दिन का समय अतिरिक्त मिल गया है. बता दें किउत्तर प्रदेश में मेंथा की खेती खासकर बाराबंकी, बदायूं, रामपुर और पीलीभीत, जालौन जैसे जिलों में खूब की जाती है.

नमी मिलने से फसल की तेज होगी ग्रोथ – निसार मेहंदी

भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के उत्तर प्रदेश सचिव निसार मेहंदी ने बताया कि बाराबंकी समेत अन्य इलाकों में गुरुवार की रात को ओलावृष्टि और बारिश हुई है. उनका कहना थी कि इससे मेंथा की फसल को फायदा पहुंचेगा. क्योंकि, बाराबंकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मेंथा की खेती होती है और इस समय किसान मेंथा की बुवाई कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अभी बारिश से होने से मिट्टी की नमी बढ़ेगी तो अंकुरण अच्छा होगा, जो फसल के विकास चरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल, मेंथा की खेती नमी वाली मिट्टी में की जाती है. ऐसे में बारिश होने से मिट्टी में नमी आने के कारण मेंथा की फसल का अंकुरण शुरु हो जाएगा.

1 हजार रुपये किलो बिकता है मेंथा तेल  

मेंथा की खेती से किसानों की आय में बढ़त होती है. ऐसे में जब बारिश से मिट्टी में नमी आने के कारण किसानों को मेंथा की खेती के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है तो आर्थिक लिहाज से यह किसानों के लिए अच्छा है. बता दें कि मेंथा की प्रति हेक्टेयर खेती से 100 लीटर तेल बनाया जा सकता है, जो कि 1 हजार से 1.5 हजार रुपये प्रति किलो तक बिकता है. मेंथा की खेती से किसानों को करीब 1 से 3 लाख तक का मुनाफा हो सकता है.

Published: 2 May, 2025 | 04:59 PM