सावधान! गलती से न खिलाएं ये अनाज, बन सकता है गाय-भैंस के लिए जहर

जब पशु नमी वाला या फंगस लगा अनाज खाता है, तो इसका असर सबसे पहले उसकी पाचन क्रिया पर पड़ता है. धीरे-धीरे उसकी भूख कम हो जाती है, दूध देना बंद हो सकता है.

नई दिल्ली | Updated On: 1 May, 2025 | 03:59 PM

पशुपालन सिर्फ मेहनत का काम नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का भी है. अक्सर पशुपालक अपने जानवरों की पूरी देखभाल करते हैं, लेकिन कभी-कभी अनजाने में की गई एक छोटी सी लापरवाही, उन्हीं जानवरों की जान के लिए खतरा बन जाती है. ऐसा ही एक खतरा है खराब या नमी वाला अनाज. अगर इसे सही तरीके से न रखा जाए, तो यही अनाज धीरे-धीरे जहर बनकर पशु की सेहत पर गंभीर असर डाल सकता है. तो आइए जानते हैं ऐसा कब होता है, क्यों होता है, और इससे कैसे बचा जाए.

जब अनाज बन जाता है जहर

गाय या भैंस को चारा देने के साथ-साथ बहुत से पशुपालक उन्हें गेहूं, मक्का या बाजरे जैसा अनाज या फिर उससे बना आटा भी खिलाते हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन गलती तब होती है जब हम घर में इस्तेमाल नहीं किया जाने वाला या थोड़ा नमी वाला पुराना अनाज उन्हें खिला देते हैं. ऐसे अनाज में अकसर फंगस (फफूंदी) लग जाती है जो हमारी आंखों से दिखती भी नहीं. लेकिन ये फंगस पशु के पेट में पहुंचकर बड़ी गंभीर समस्या पैदा कर देती है.

फंगस क्या करता है पशु के शरीर में?

जब पशु नमी वाला या फंगस लगा अनाज खाता है, तो इसका असर सबसे पहले उसकी पाचन क्रिया पर पड़ता है. धीरे-धीरे उसकी भूख कम हो जाती है, दूध देना बंद हो सकता है और कई मामलों में उसकी प्रजनन क्षमता तक खत्म हो जाती है. कई बार ये फंगस इतना जहर बन जाता है कि पशु का शरीर उसे झेल नहीं पाता और अंत में उसकी मौत हो जाती है.

क्यों नहीं हो पाता समय पर इलाज?

फंगस से होने वाली बीमारियों का कोई सीधा इलाज नहीं होता. जब तक पशुपालक को इसकी जानकारी होती है, तब तक देर हो चुकी होती है. और यही कारण है कि इस छोटी-सी लापरवाही की कीमत कई बार जान देकर चुकानी पड़ती है.

कैसे बचाएं अनाज को फंगस से?

यह सोचना कि सिर्फ बरसात के मौसम में ही अनाज में नमी आती है, एक बहुत बड़ी गलतफहमी है. सर्दियों में भी अगर अनाज को खुले में या जमीन के पास रखा जाए तो उसमें धीरे-धीरे सीलन आ जाती है. सीलन वाला अनाज जल्दी फफूंद पकड़ लेता है, जिससे उसका रंग भी काला पड़ सकता है. ऐसे अनाज को किसी भी हालत में पशु को नहीं देना चाहिए.

कुछ आसान उपाय जो हर पशुपालक को अपनाने चाहिए:

  • अनाज को हमेशा सूखी, हवादार और ऊंची जगह पर स्टोर करें.
  • मौसम कोई भी हो, समय-समय पर अनाज की जांच करते रहें.
  • जो अनाज खाने लायक न हो, उसे फौरन अलग कर दें.
  • पशु को कभी भी सड़ा-गला, बदबूदार या फफूंद वाला चारा या अनाज न दें.

अगर आप अपने पशु को साफ, सूखा और ताजा अनाज खिलाते हैं, तो ना सिर्फ वो स्वस्थ रहेगा बल्कि उसकी दूध उत्पादन क्षमता भी बनी रहेगी. और सबसे बड़ी बात, आपको अनजाने में की गई किसी लापरवाही का पछतावा नहीं होगा.

Published: 1 May, 2025 | 03:56 PM