सावधान! क्या आपकी गाय-भैंस कर रही है अजीब हरकतें? तो आपका जीवन भी है खतरे में

रेबीज एक खतरनाक वायरल बीमारी है, जो जानवरों और इंसानों दोनों को प्रभावित कर सकती है. ये बीमारी आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से फैलती है.

नई दिल्ली | Published: 30 Apr, 2025 | 02:57 PM

गाय और भैंसें हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, दूध से लेकर खेतों में काम तक, वो हमारी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जानवरों में भी रेबीज (Rabies) जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है? यह बीमारी सिर्फ कुत्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि गाय और भैंसों में भी देखने को मिलती है. समय रहते लक्षण पहचानना और डॉक्टर से इलाज कराना बेहद जरूरी है, वरना जानवर की जान को खतरा हो सकता है और साथ ही इंसानों में फैलने का भी डर होता है.

हाल में ही ये देखा गया कि ऐसे जानवर, जिनमें रेबीज के लक्षण दिख रहे थे, उनका दूध पीने से कई लोगों की मौत हो गई. दरअसल अगर कोई जानवर रेबीज से संक्रमित होता है, तो उनके दूध में भी वायरस चला जाता है. ऐसे में जब भी कोई इंसान उनके दूध का सेवन करता है तो वह भी रेबीज का शिकार हो जाता है. तो चलिए जानते हैं कैसे पहचाने जानवरों में लक्षण, ताकि समय रहते हो सके उनका इलाज.

जानवरों में रेबीज कैसे होता है?

रेबीज एक खतरनाक वायरल बीमारी है, जो जानवरों और इंसानों दोनों को प्रभावित कर सकती है. ये बीमारी आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से फैलती है, क्योंकि उसके थूक (saliva) में वायरस मौजूद होता है. अगर कोई संक्रमित जानवर (जैसे कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़ या कोई और जानवर) किसी गाय, भैंस, बकरी, घोड़े या दूसरे पशु को काट ले, तो वायरस उसके शरीर में चला जाता है.

लक्षण कितने दिनों में आते हैं?

लक्षण आमतौर पर 2 से 8 हफ्तों के भीतर दिखाई देते हैं, लेकिन कभी-कभी इससे ज्यादा समय भी लग सकता है.

रेबीज के लक्षण-

1.व्यवहार में बदलाव (Behavioral Changes)

रेबीज से ग्रसित जानवरों में सबसे पहले उनके व्यवहार में असामान्यता देखने को मिलती है.

  • बेचैनी और उत्तेजना: जानवर सामान्य से ज्यादा परेशान या चंचल दिख सकता है.
  • गुस्सैल व्यवहार: कुछ मामलों में जानवर अचानक आक्रामक हो सकता है, दूसरों को मारने या काटने की कोशिश कर सकता है.
  • अजीब आवाज़ें: बार-बार और असामान्य तरीके से रंभाना या तेज आवाज में बोलना.
  • भूख न लगना: खाना या चारा खाने से इनकार कर देना.

2. न्यूरोलॉजिकल लक्षण (Neurological Symptoms)

रेबीज सीधे जानवर के दिमाग और नर्व सिस्टम पर असर करता है. इससे कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं.

  • निगलने में कठिनाई: जानवर पानी पीने या खाना निगलने में परेशानी महसूस करता है.
  • चलने में लड़खड़ाहट: उसका संतुलन बिगड़ सकता है, चलने में अजीब हरकतें हो सकती हैं.
  • पैरों या शरीर के किसी हिस्से का लकवा: धीरे-धीरे शरीर का कोई हिस्सा काम करना बंद कर सकता है.
  • आंखों या कंधे में कंपन: कुछ मामलों में आंखों में या शरीर के ऊपरी हिस्से में कांपने जैसा असर दिख सकता है.

3. शारीरिक संकेत (Physical Signs)

  • मुंह से ज्यादा लार गिरना (Drooling): जानवर लगातार मुंह से झाग या लार निकालता है.
  • पैरों में लंगड़ापन: चलने में दर्द या पैर घसीटना.
  • गैस या अफारा (Ruminal bloat): पेट में सूजन या फुलाव हो सकता है.
  • ऊंघापन और सुस्ती: अगर “डम्ब फॉर्म” रेबीज है, तो जानवर सुस्त और उदास दिख सकता है.

क्या करें अगर लक्षण दिखें?

  • अगर रेबीज का शक हो, तो उसे बाकी जानवरों से अलग कर दें.
  • संक्रमित जानवर काट सकता है या लार से संक्रमण फैला सकता है, इसलिए जानवर को छूने से बचें.
  • पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें और जांच करवाएं.
  • अपने जानवरों को समय-समय पर रेबीज का टीका जरूर लगवाएं.