देश के करोड़ों छोटे विक्रेताओं, ठेलेवालों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. केंद्र ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि योजना) को न केवल 2030 तक बढ़ा दिया है, बल्कि इसमें कई नई सुविधाएं और बढ़ी हुई लोन लिमिट भी जोड़ दी गई है. अब छोटे व्यापारी अपने कारोबार को और मजबूती से आगे बढ़ा पाएंगे.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना?
यह योजना जून 2020 में कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी. उस समय सबसे ज्यादा असर छोटे दुकानदारों और स्ट्रीट वेंडर्स पर पड़ा था. उन्हें दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सरकार ने आसान शर्तों पर बिना गारंटी के लोन उपलब्ध कराना शुरू किया.
कितनी बढ़ी लोन की लिमिट?
पहली किस्त: पहले 10,000 रुपये मिलते थे, अब बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिए गए हैं.
दूसरी किस्त: पहले 20,000 रुपये, अब 25,000 रुपये मिलेंगे.
तीसरी किस्त: पहले की तरह 50,000 रुपये ही रहेगी.
यानी अब छोटे विक्रेता ज्यादा पूंजी लेकर अपना धंधा आगे बढ़ा सकेंगे.
योजना में नई सुविधाएं
सरकार ने योजना को और आधुनिक बनाते हुए कई अहम फैसले किए हैं:
- रुपे क्रेडिट कार्ड: समय पर लोन चुकाने वालों को अब यूपीआई से जुड़ा क्रेडिट कार्ड मिलेगा.
- डिजिटल लेनदेन पर इनाम: ऑनलाइन पेमेंट अपनाने पर 1,600 रुपये तक का कैशबैक.
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: एफएसएसएआई और अन्य एजेंसियों के जरिए स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा, डिजिटल स्किल और मार्केटिंग पर ट्रेनिंग.
योजना के फायदे
बिना गारंटी के लोन – बैंक से आसानी से कर्ज मिलेगा.
कम ब्याज दर – पूंजी की दिक्कत नहीं होगी.
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा – छोटे विक्रेता अब “डिजिटल इंडिया” से जुड़ेंगे.
कैशबैक और क्रेडिट कार्ड – अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा.
क्षमता निर्माण – उद्यमिता और व्यवसायिक प्रशिक्षण.
अब तक की उपलब्धियां
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पीएम स्वनिधि योजना अब तक बेहद सफल साबित हुई है. इस योजना से अब तक 68 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को सीधा फायदा मिला है. सरकार की ओर से करीब 96 लाख लोन वितरित किए जा चुके हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो लगभग 13,797 करोड़ रुपये का कर्ज छोटे विक्रेताओं तक पहुंचाया गया है, जिससे उनका कारोबार दोबारा खड़ा करने और आय बढ़ाने में बड़ी मदद मिली है.