Gujarat News: इस मॉनसून सीजन में हुई भयंकर बारिश और बाढ़ की स्थिति ने किसानों को बुरी तरह तबाह किया है. पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत दक्षिण के राज्यों में बारिश ने फसलों को चौपट किया है. किसान राज्य सरकारों से मुआवजा और राहत राशि की मांग कर रहे हैं. अब गुजरात सरकार ने अपने बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. गुजरात में 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में खड़ी फसलें बारिश और बाढ़ से नष्ट हो गई हैं.
33 जिलों में 10 लाख हेक्टेयर फसल खराब
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में हुई बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे करने का आदेश दिया है. कहा गया है कि किसानों के बैंक खातों में 10 दिनों में फसल नुकसान की भरपाई की जाए. राज्य में बेमौसम बारिश से 33 जिले प्रभावित हुए हैं और यहां की 10 लाख हेक्टेयर खेती की जमीन पर बुरा असर हुआ है. मुख्यमंत्री ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए फसल के नुकसान का सर्वे करने का आदेश दिया है.
नुकसान आकलन के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी
गुजरात के कृषि मंत्री जीतू वघानी ने बताया कि कैबिनेट बैठक में बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित जिलों में 7 दिनों के भीतर सर्वेक्षण पूरा करने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि तकनीकी साधनों के अलावा अन्य भौतिक सर्वेक्षण भी किए जाएंगे. किसानों और किसान संगठनों ने भी ज्ञापन देकर फसल नुकसान की जानकारी कृषि विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाई है.
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गुजरात के 239 तालुका में खेती बारिश से प्रभावित
राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि शरुआती अनुमान के मुताबिक, 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ होगा. राज्य के कृषि मंत्री और सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने गांधीनगर में रिपोर्टर्स को बताया कि राज्य कैबिनेट ने पिछले हफ्ते हुई बारिश से फसल के नुकसान पर चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर से मिली शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 33 जिलों के 239 तालुका में 23 से 28 अक्टूबर तक भारी बारिश हुई.
बाजरा, कपास, मूंगफली को भारी नुकसान
मॉनसूनी बारिश के साथ बीते सप्ताह के दौरान हुई बेमौसम बारिश से सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, उत्तरी गुजरात के हिस्सों में खेती को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है. किसानों की बाजरा, तिल, मूंगफली, कपास फसलों को लगभग 62 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है. जबकि, दलहन फसलों में उड़द, मूंग फसल भी प्रभावित हुई है. वहीं, बागवानी फसलों में आम, केला, पपीता की खेती को नुकसान पहुंचा है.