ट्रम्प का बड़ा फैसला: 200 खाद्य उत्पादों पर टैरिफ खत्म, भारत को होगा तगड़ा मुनाफा

भारत समेत कई देशों के लिए यह फैसला नए अवसरों के दरवाजे खोल सकता है. चाय, मसाले, कॉफी, समुद्री खाद्य और कई कृषि उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार हमेशा से अहम रहा है, और इस बार टैरिफ में छूट मिलने से भारत की पहुंच और भी मजबूत हो सकती है.

नई दिल्ली | Published: 20 Nov, 2025 | 02:54 PM

Tariff Rollback: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल अमेरिका ने हाल ही में कृषि उत्पादों पर लगने वाले कई टैरिफ में बड़ी राहत की घोषणा की है. यह कदमकेवल अमेरिकी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उठाया गया है, बल्कि इससे वैश्विक कृषि व्यापार पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा.

भारत जैसे देशों के लिए यह फैसला नए अवसरों के दरवाजे खोल सकता है. चाय, मसाले, कॉफी, समुद्री खाद्य और कई कृषि उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार हमेशा से अहम रहा है, और इस बार टैरिफ में छूट मिलने से भारत की पहुंच और भी मजबूत हो सकती है.

अमेरिकी कदम क्यों है खास?

अमेरिका ने 200 से ज्यादा कृषि उत्पादों पर लगने वाला भारी टैरिफ कम या खत्म कर दिया है. इनमें बीफ, कॉफी, केला और कई तरह के नट्स जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जिन पर पहले 50 प्रतिशत तक टैक्स लगता था.

यह कदम मुख्य रूप से देश में बढ़ती खाद्य महंगाई को कम करने के लिए उठाया गया है. अमेरिका में आम परिवारों के बजट पर बढ़ते खाद्य दाम असर डाल रहे थे, इसलिए टैरिफ कम करना सरकार के लिए एक राजनीतिक और आर्थिक जरूरत बन गया.

रिपोर्ट के अनुसार, इससे अमेरिका में महंगाई पर बहुत बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन एशियाई देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह बड़ा बदलाव लेकर आएगा.

भारत के लिए बढ़ते व्यापारिक अवसर

भारत उन कुछ देशों में है, जिन्हें अमेरिका की इस नई नीति का सबसे ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है. भारत की चाय, मसाले, कॉफी और समुद्री खाद्य उत्पाद अमेरिकी बाजार में पहले से लोकप्रिय हैं. लेकिन टैरिफ ज्यादा होने से भारतीय उत्पादों की कीमत बढ़ जाती थी, जिससे प्रतिस्पर्धा में नुकसान होता था.

अब टैरिफ में छूट मिलने से भारतीय उत्पाद न केवल सस्ते होंगे बल्कि उनकी मांग भी बढ़ सकती है. यदि आने वाले महीनों में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ घटाने पर खास समझौता होता है, तो भारत के कृषि निर्यात को नई ऊंचाई मिल सकती है.

भारत को मिलेगा 2.5 से 3 बिलियन डॉलर तक का लाभ

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय के अनुसार, इस छूट से भारत को करीब 2.5–3 बिलियन डॉलर तक का लाभ हो सकता है. उनके अनुसार, यह फैसला उन निर्यातकों के लिए खास फायदेमंद होगा जो हाई-वैल्यू या प्रीमियम कैटेगरी के उत्पादों का व्यापार करते हैं.

एशियाई देशों के लिए खुला नया बाजार

अमेरिका के इस फैसले का सबसे बड़ा असर एशिया पर पड़ेगा, खासकर उन देशों पर जो कॉफी, चाय और प्रोसेस्ड फूड का निर्यात करते हैं. वियतनाम, इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों को भी इससे बड़ा आर्थिक लाभ हो सकता है.

मौसम, राजनीति और महंगाई जैसे मुद्दों के चलते अमेरिका में खाद्य उत्पादों की कीमतें प्रभावित हो रही हैं, इसलिए टैरिफ कम करना वहां की सरकार के लिए अहम निर्णय था.

विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में पोल्ट्री और मछली जैसे उत्पाद भी टैरिफ छूट की सूची में शामिल किए जा सकते हैं, जिससे दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत दोनों के लिए बड़ी संभावनाएं बनेंगी.

स्विट्जरलैंड समेत कई देशों पर भी असर

सिर्फ भारत और एशिया ही नहीं, बल्कि यूरोप और अफ्रीका के कई देशों को भी इस बदलाव का फायदा पहुंचेगा. स्विट्जरलैंड ने अमेरिका के साथ नया व्यापार समझौता किया है, जिससे उसकी GDP में अगले साल तक 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.

दक्षिण अफ्रीका, चिली और पेरू जैसे देश भी टैरिफ में लगभग 4 प्रतिशत की कमी के कारण अपने कृषि निर्यात में बढ़ोतरी देख सकते हैं.

बदलता वैश्विक व्यापार और भारत की भूमिका

वैश्विक सप्लाई चेन में बदलाव, महंगाई और व्यापारिक तनावों ने दुनिया के देशों को नए साझेदार खोजने पर मजबूर कर दिया है. अमेरिका की नई नीति इसी दिशा का हिस्सा है.

यह एक ऐसा समय है जब भारत अपने कृषि उत्पादों के निर्यात को और बढ़ा सकता है. हाल के वर्षों में भारत की चाय, मसाले, कॉफी और समुद्री उत्पादों की पहचान अंतरराष्ट्रीय बाजार में और मजबूत हुई है.

अमेरिका जैसे बड़े बाजार में टैरिफ कम होने का सीधा मतलब है अधिक मांग, बेहतर कीमतें और किसानों तथा निर्यातकों दोनों के लिए बेहतर आमदनी.

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