धनतेरस के मौके पर जहां लोग बाजारों में खरीदारी में मशगूल हैं, वहीं राजस्थान के किसानों के लिए असली त्योहार उनके मोबाइल पर आया एक मैसेज बन गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस खास दिन पर ऐसा तोहफा दिया, जिसने 71.8 लाख किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी. मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार ने एक साथ 717.96 करोड़ रुपये किसानों के खातों में भेज दिए. हर किसान को 1000 रुपये की सम्मान राशि सीधे बैंक खाते में मिली. यह रकम सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि सरकार की ओर से किसानों की मेहनत को सलाम करने जैसा कदम माना जा रहा है
भरतपुर से हुई शुरुआत, पूरे प्रदेश में दिखा असर
भरतपुर के नदबई में हुए इस कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मौजूद रहे. मंच से घोषणा के साथ ही किसानों के खातों में राशि पहुंचने का लाइव प्रदर्शन किया गया, जिससे माहौल तालियों से गूंज उठा. मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है. चौथी किस्त में 71.80 लाख किसानों को 1000 रुपये- 1000 रुपये मिले हैं. सालाना लाभ अब 6000 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये कर दिया गया है. पिछले 21 महीनों में सरकार 8386 रुपये करोड़ जारी कर चुकी है. यह कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है.
किसानों तक पैसा कैसे पहुंचा?
राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना को पूरी तरह DBT यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रणाली पर आधारित कर दिया है. पहले किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे और कागजी प्रक्रिया में हफ्तों लग जाते थे, लेकिन अब सब कुछ आसान हो गया है. बस किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए और पैसा सीधे खाते में पहुंच जाता है. अब ना कोई दलाल की जरूरत, ना फॉर्म भरने की टेंशन और ना ही किसी कार्यालय के चक्कर. सिर्फ मोबाइल पर मैसेज आता है और पैसा खाते में जमा हो जाता है. साथ ही सरकारी अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया भी समझा रहे हैं.
किसान बोले-अब फसल बोना हुआ आसान
किसानों ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना की खुलकर तारीफ की है. उनका कहना है कि यह 1000 रुपये सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि उनकी मेहनत की इज्जत है. कई किसानों ने बताया कि इससे बीज और खाद खरीदना आसान हो जाता है, ट्रैक्टर में डीजल का खर्च निकल आता है और त्यौहार भी अच्छे से मनाए जा सकते हैं. कुछ किसानों ने यह उम्मीद भी जताई कि अगर भविष्य में यह राशि और बढ़ाई गई, तो वे और ज्यादा मजबूती के साथ खेती कर पाएंगे और अपनी आय बढ़ा सकेंगे.
क्यों जरूरी है यह योजना?
राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा बारिश पर निर्भर खेती करता है. ऐसे में कभी-कभी फसल खराब हो जाती है और किसान कर्ज में फंस जाता है. इस योजना का मकसद किसानों को कर्ज के चक्र से बचाना और उन्हें समय पर नकद सहायता देना है. इस योजना के जरिए सरकार सिर्फ पैसे नहीं दे रही, बल्कि किसानों को यह एहसास भी दिला रही है कि आप अकेले नहीं हैं, सरकार आपके साथ है.