ज्यादा बारिश से मूंग-उड़द की फसल खराब, बाजार में 50 फीसदी तक घटिया माल पहुंचने की आशंका

कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कटाई के समय हुई बारिश ने उड़द और मूंग की फसल को 30–50 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि मूंग की पैदावार 10–20 फीसदी तक घट सकती है, जबकि गुणवत्ता में 30–40 फीसदी गिरावट आएगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Sep, 2025 | 01:59 PM

इस साल का खरीफ सीजन किसानों के लिए बड़ी चुनौती लेकर आया है. जुलाई से सितंबर तक हुई लगातार भारी बारिश ने दलहनी फसलों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे प्रमुख राज्यों में मूंग (ग्रीन ग्राम) और उड़द (ब्लैक मैटपे) की फसलें पानी में डूब गईं. किसानों का कहना है कि बुवाई का रकबा थोड़ा बढ़ने के बावजूद फसल का आकार और दाने की क्वालिटी दोनों पिछले साल से कम रहेंगे.

पैदावार घटी, दाने की चमक गई

भारत पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (IPGA) के सचिव सतीश उपाध्याय के मुताबिक, “खरीफ दलहन का कुल उत्पादन इस साल पिछले साल से कम होगा. कई राज्यों में अब भी बारिश जारी है और आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ सकता है.”

कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कटाई के समय हुई बारिश ने उड़द और मूंग की फसल को 30–50 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि मूंग की पैदावार 10–20 फीसदी तक घट सकती है, जबकि गुणवत्ता में 30–40 फीसदी गिरावट आएगी. उड़द में पैदावार 10–20 फीसदी घटने और गुणवत्ता में 50फीसदी तक नुकसान की संभावना है.

अरहर पर भी असर, लेकिन स्टॉक सुरक्षित

अरहर (तुअर) की फसल फिलहाल फूल आने की अवस्था में है. निचले इलाकों में जलभराव से नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन देश में पर्याप्त स्टॉक और आयात जारी रहने के कारण अरहर की आपूर्ति को लेकर चिंता कम है. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में कम रकबा और खराब मौसम के चलते अरहर का उत्पादन 30 लाख टन से नीचे रह सकता है.

राज्यों में बारिश की मार

कर्नाटक: कलबुर्गी सहित कई जिलों में मूंग और उड़द की कटाई नहीं हो सकी.

महाराष्ट्र: अगस्त के मध्य में हुई भारी बारिश ने फसल की जड़ों को सड़ा दिया. 191 तालुके के 650 से ज्यादा क्षेत्रों में नुकसान की रिपोर्ट.

गुजरात: कच्छ और पाटन में तेज बारिश से अरहर, मूंग और उड़द की फसल पर प्रतिकूल असर.

उत्तर प्रदेश-बुंदेलखंड: खेतों में पानी भरने से उड़द की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित.

तेलंगाना: दलहनी फसलों का रकबा कम हुआ, जिससे उत्पादन में गिरावट तय.

वैश्विक बाजार की मार

बारिश से घरेलू फसल कम होने के बावजूद किसानों को ऊंचे दाम मिलने की उम्मीद नहीं है. कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और रूस जैसे बड़े उत्पादक देशों में अच्छी फसल के कारण वैश्विक बाजार में दालों के भाव गिर रहे हैं. कनाडा ने हरी मसूर की कीमतें पिछले एक महीने में लगभग 15 फीसदी घटा दी हैं. इससे भारत में दालों के आयात सस्ते होंगे, लेकिन किसानों की कमाई पर असर पड़ेगा.

बढ़ सकता है नुकसान

खरीफ दलहन की फसल अभी पूरी तरह बाजार में नहीं आई है. अगर बारिश का दौर लंबा चला तो नुकसान और बढ़ सकता है. किसानों के सामने गुणवत्ता गिरने, पैदावार घटने और बाजार में कम कीमतों की तिहरी मार है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को स्टोरेज, सपोर्ट प्राइस और आयात-निर्यात नीति पर तुरंत कदम उठाने होंगे ताकि किसान बड़े नुकसान से बच सकें.

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