बिहार में नारियल की खेती से बढ़ेगी किसानों की कमाई, सरकार दे रही 75 फीसदी तक सब्सिडी

Coconut Farming : बिहार सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नारियल की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत सरकार पौधों पर भारी सब्सिडी दे रही है. सरकार का मानना है कि अनुकूल जलवायु और तकनीकी सहायता से नारियल की खेती किसानों के लिए स्थायी आय का मजबूत साधन बन सकती है.

नोएडा | Published: 16 Dec, 2025 | 06:16 PM

Coconut Farming : बिहार में खेती अब सिर्फ धान, गेहूं और मक्का तक सीमित नहीं रही. बदलते वक्त के साथ अब किसान अन्य फसलों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक नया और खास प्लान शुरू किया है. इस योजना के तहत किसानों को नारियल की व्यावसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. बिहार सरकार का मानना है कि सही जलवायु और सरकारी सहयोग से नारियल की खेती किसानों के लिए लंबे समय तक कमाई का मजबूत जरिया बन सकती है.

नारियल खेती को बढ़ावा देने का सरकारी फैसला

बिहार सरकार ने खेती को मुनाफे  का सौदा बनाने के लिए परंपरागत फसलों से हटकर नकदी फसलों पर जोर देना शुरू किया है. उत्तर बिहार के कई जिलों में गंगा, किऊल और हरोहर नदी क्षेत्र की जलवायु नारियल की खेती के लिए अनुकूल मानी गई है. इसी वजह से सरकार ने इन इलाकों में नारियल की व्यावसायिक  खेती को बढ़ावा देने का फैसला लिया है. इस योजना में लखीसराय जिला भी शामिल है, जहां किसानों को नारियल के पौधों पर भारी सब्सिडी दी जा रही है.

1500 पौधे लगाने का लक्ष्य, 75 फीसदी तक सब्सिडी

बिहार सरकार की इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 1500 नारियल के पौधे  लगाने का लक्ष्य रखा गया है. योजना का लाभ किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. इस योजना में नारियल के पौधों की कीमत पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. अगर एक पौधे की कीमत  करीब 85 रुपये है, तो उसमें से लगभग 63 रुपये सरकार देगी और किसान को सिर्फ करीब 21 रुपये ही खर्च करने होंगे. यह योजना खासतौर पर छोटे और मध्यम किसानों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है, क्योंकि नारियल की खेती एक बार लगाने के बाद सालों तक नियमित आय देती है.

इन शर्तों पर मिलेगा योजना का लाभ

इस योजना के तहत किसान कम से कम 5 और अधिक से अधिक 712 नारियल के पौधे ले सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान, बिहार कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है. जिसके बाद आपका डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन करते समय जमीन से संबंधित एलपीसी और रसीद अपलोड करनी होगी. आवेदन के बाद संबंधित विभाग द्वारा सत्यापन किया जाएगा और उसके बाद सब्सिडी की राशि दी जाएगी. किसान योजना से जुड़ी जानकारी अपने नजदीकी प्रखंड उद्यान कार्यालय या जिला उद्यान विभाग से भी प्राप्त कर सकते हैं.

खेती की तकनीक और ट्रेनिंग की सुविधा

सरकार सिर्फ पौधे और सब्सिडी  ही नहीं दे रही, बल्कि किसानों को सही जानकारी और प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है. नारियल की खेती से जुड़ी तकनीक, पौधरोपण का सही तरीका, सिंचाई और देखभाल की जानकारी के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सही तकनीक अपनाई जाए और समय पर देखभाल की जाए, तो नारियल की खेती किसानों के लिए स्थायी आमदनी का मजबूत  साधन बन सकती है.

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