खेतों में उड़ेगा ड्रोन..खर्च होगा कम, बिहार सरकार दे रही है छिड़काव पर 50 फीसदी अनुदान
बिहार सरकार खेती को आधुनिक बनाने के लिए ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रही है. ड्रोन से फसलों में छिड़काव कराने पर किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान मिल रहा है. इससे खेती की लागत घटेगी, समय बचेगा और पानी व दवाओं की भी बड़ी बचत होगी.
Agricultural Drone : अब खेतों में किसान की पीठ पर टंकी नहीं, बल्कि आसमान में उड़ता ड्रोन नजर आएगा. खेती को आसान, सस्ती और ज्यादा मुनाफे वाली बनाने के लिए बिहार सरकार लगातार नई तकनीक को बढ़ावा दे रही है. इसी दिशा में कृषि ड्रोन छिड़काव योजना किसानों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है. इस योजना के तहत ड्रोन से फसलों में छिड़काव कराने पर बिहार सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. इससे न सिर्फ खेती की लागत घटेगी, बल्कि समय और मेहनत दोनों की बचत होगी.
कम समय, कम पानी और कम दवा में होगा ज्यादा असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन तकनीक की सबसे बड़ी खासियत इसकी रफ्तार और सटीकता है. मैन्युअल छिड़काव की तुलना में ड्रोन 50 से 60 गुना तेजी से काम करता है. जहां एक एकड़ खेत में सामान्य तरीके से छिड़काव में घंटों लगते हैं, वहीं ड्रोन से यह काम 15 से 20 मिनट में पूरा हो जाता है. विभाग के अनुसार, ड्रोन के इस्तेमाल से 90 प्रतिशत तक पानी और करीब 40 प्रतिशत तक कीटनाशक व फफूंदनाशी दवाओं की बचत होती है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है और फसलों में रसायनों का असर भी संतुलित रहता है.
पिछले साल भी सफल रहा प्रयोग, इस बार लक्ष्य दोगुना
बिहार में ड्रोन छिड़काव का प्रयोग पहले ही सफल साबित हो चुका है. साल 2024-25 में 27,666 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव किया गया था. इस साल कृषि विभाग ने इसका दायरा और बढ़ाते हुए 56,050 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव का लक्ष्य तय किया है. ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, एनपीके, सूक्ष्म पोषक तत्व और पादप वृद्धि नियामकों का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे फसलों की पैदावार बेहतर हो रही है.
खेती को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम
खेती को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए बिहार सरकार लगातार नए कदम उठा रही है. कृषि ड्रोन छिड़काव योजना भी इसी कोशिश का हिस्सा है. ड्रोन के जरिए छिड़काव होने से किसानों को कम मेहनत करनी पड़ेगी और खेतों का काम जल्दी पूरा होगा. दवा और खाद की सही मात्रा फसलों तक पहुंचेगी, जिससे नुकसान कम होगा. सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देकर किसानों को इस तकनीक से जोड़ रही है. इससे खेती का खर्च घटेगा और समय की बचत होगी. यह योजना दिखाती है कि बिहार की खेती अब धीरे-धीरे नए तरीकों को अपना रही है और आगे बढ़ रही है.
ड्रोन से छिड़काव पर 50 फीसदी अनुदान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि विभाग ड्रोन से छिड़काव कराने पर किसानों को प्रति एकड़ 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जिसकी अधिकतम राशि 240 रुपये प्रति एकड़ तय की गई है. एक किसान अधिकतम 10 एकड़ क्षेत्र के लिए इस योजना का लाभ ले सकता है. योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ड्रोन के जरिए कीटनाशक, खरपतवारनाशी, फफूंदनाशी और तरल उर्वरकों का छिड़काव बेहद कम समय में पूरा किया जा सकता है.