Uttar Pradesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तीकरण के विजन को साकार करने के लिए शुरू की गई ड्रोन दीदी पहल ग्रामीण महिलाओं के लिए बड़ी क्रांति साबित हो रही है. केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना ने ग्रामीण महिलाओं के सपनों को पंख दिए हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में भी बहुत से सुधार किए हैं. इसका जीता जागता उदाहरण हैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की 9 ड्रोन दीदियों को जिन्होंने मात्र 13 महीने में कीटनाशकों का छिड़काव कर 5.94 लाख रुपये की कमाई की है. इन महिलाओं ने ये साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो थोड़ी सी मदद भी इंसान के लिए वरदान बन जाती है.
1600 लीटर से ज्यादा उर्वरक का छिड़काव
यूपी सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार वाराणसी की 09 ‘ड्रोन दीदियों’ ने 13 महीने में ड्रोन से फसलों पर उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव कर 5 लाख 94 हजार 430 रुपये की कमाई की है. वे न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं, बल्कि किसानों को भी आधुनिक तकनीक का लाभ पहुंचा रही हैं. खास बात ये है कि वाराणसी की ये सफल महिलाएं बिहार में कीटनाशक और उर्वरकों का छिड़काव कर अच्छी कमाई कर रही हैं. अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इन महिलाओं ने अब तक 3,212 एकड़ जमीन पर 1,600 लीटर से ज्यादा उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव किया है. बता दें कि, इन 9 ड्रोन दीदी में से अकेले नीतू सिंह ने 2.25 लाख रुपये की कमाई की है, वहीं आशा देवी ने 1.08 लाख रुपये और अनिता देवी ने 86 हजार रुपये से ज्यादा कमाए.
महिलाओं को तेलंगाना में दी गई ट्रेनिंग
इन महिलाओं को तेलंगाना कृषि विश्वविद्यालय की ड्रोन अकादमी में 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद इन्हें एडवांस ट्रेनिंग भी मिली, साथ ही इफको और हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड ने भी इन महिलाओं को ट्रेन करने के लिए सरकार की मदद की. बता दें कि, सरकार ने इन महिलाओं को केवल खास ट्रेनिंग ही नहीं दी बल्कि 15 लाख रुपये की कीमत का ड्रोन और इलेक्ट्रिक ऑटो भी उपलब्ध कराया है, ताकि महिलाओं को अपना काम करने में सहूलियत हो.
ड्रोन छिड़काव का किसानों को फायदा
वाराणसी की इन ड्रोन दीदियों ने ड्रोन के जरिए फसलों पर नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, सागरिका और कीटनाशकों का छिड़काव किया, साथ ही इस तकनीक का इस्तेमाल गन्ना, धान, लौकी, अरहर, भिंडी, कद्दू, पत्ता गोभी, करेला, मिर्च और तरबूज जैसी फसलों पर भी किया गया. इस तकनीक की मदद से उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव करने से किसान की फसलों की क्वालिटी में सुधार आया और साथ ही उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई. तकनीक की मदद से फसल पर उर्वरकों का इस्तेमाल और ज्यादा संतुलित और सही तरीके से हो पाया, इससे किसानों की मजदूरी और समय दोनों की बचत हुई.