Bihar News: दिवाली और छठ के त्योहारों से पहले बिहार की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ी सौगात दी है. राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये सीधे ट्रांसफर किए हैं. इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्वरोजगार के रास्ते पर आगे बढ़ाना है.
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत महिलाएं न केवल आर्थिक मदद प्राप्त कर रही हैं, बल्कि उन्हें सम्मान और समानता की अनुभूति भी मिल रही है. योजना से महिलाओं को अपने छोटे व्यवसाय शुरू करने और उसे बढ़ाने के लिए मदद मिलती है. यह योजना बिहार में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके माध्यम से महिलाएं अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकती हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकती हैं.
कुल राशि और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)
इस बार की सहायता राशि का कुल बजट 2500 करोड़ रुपये है. यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से महिलाओं के खाते में सीधे पहुंचाई गई. DBT प्रणाली से यह सुनिश्चित होता है कि लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे और किसी तरह की रुकावट या भ्रष्टाचार न हो. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना की शुरुआत से अब तक लगभग 1 करोड़ महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. इससे साबित होता है कि राज्य सरकार महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण को गंभीरता से ले रही है.
पहली किस्त और योजना का विस्तार
इससे पहले 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलकर योजना की पहली किस्त के तहत 75 लाख महिलाओं को 7500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी थी. इस कदम को महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1.40 करोड़ से अधिक महिलाओं ने इस योजना में आवेदन किया है, जबकि लगभग 1.5 करोड़ महिलाएं स्वरोजगार के लिए आवेदन प्रस्तुत कर चुकी हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि योजना के प्रति महिलाओं में भारी उत्साह है.
सफल उद्यमियों के लिए अतिरिक्त सहायता
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जो महिलाएं इस योजना के तहत शुरू किए गए स्वरोजगार में सफल होंगी, उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. इसका उद्देश्य महिलाओं को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आगे ले जाने के लिए प्रोत्साहित करना है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे महिलाओं में नवाचार और उद्यमिता की भावना बढ़ेगी. छोटे व्यवसाय शुरू करने वाली महिलाएं अब सरकारी मदद के साथ अपने व्यवसाय को स्थायी और लाभकारी बना सकती हैं.
शहरी और ग्रामीण महिलाओं का उत्साह
योजना का लाभ केवल ग्रामीण महिलाओं तक सीमित नहीं है. शहरी क्षेत्रों की महिलाएं भी इस योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. अब तक लगभग 10 लाख शहरी महिलाओं ने आवेदन किया है. इस योजना से यह साबित होता है कि महिलाएं सशक्त और स्वरोजगार की दिशा में सक्रिय हैं. महिलाओं का उत्साह इस बात का संकेत है कि भविष्य में राज्य की महिलाओं का आर्थिक योगदान और बढ़ेगा.
समारोह और प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद थे. समारोह में समस्तीपुर की अंजू देवी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जो इस योजना की एक करोड़वीं लाभार्थी बनीं. सरकार की इस पहल को न केवल आर्थिक सहायता बल्कि महिलाओं के सम्मान, स्वावलंबन और समाज में पहचान के रूप में देखा जा रहा है.
योजना की सफलता और अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार में महिलाओं के स्वावलंबन, आर्थिक सुरक्षा और रोजगार का प्रतीक बन चुकी है. यह योजना न केवल बिहार में, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही है. रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना से महिलाओं को अपने व्यवसाय, कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने का अवसर मिला है. इससे पता चलता है कि सरकार महिलाओं के विकास के लिए लगातार नई पहल कर रही है.