आज के समय में भारत के कई राज्यों में डेयरी फार्मिंग एक अच्छा और लाभकारी व्यवसाय बनता जा रहा है. सरकार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है ताकि किसानों को फायदा मिल सके. अब डेयरी फार्मिंग में पुराने जमाने के तरीके छोड़कर आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे कम मेहनत और कम खर्च में ज्यादा दूध उत्पादन हो पाता है. अगर आप भी डेयरी फार्मिंग शुरू करने का मन बना रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत काम का साबित होगा. इसमें हम आपको डेयरी फार्मिंग के लिए जरूरी उपकरणों और उनके उपयोग के बारे में सरल भाषा में जानकारी देंगे, जिससे आपका काम आसानी से और बेहतर तरीके से हो सके.
डेयरी पशु आवास
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपने पशुओं के लिए अच्छा और आरामदायक आवास तैयार करना होगा. यह जगह साफ-सुथरी, हवादार और आरामदायक होनी चाहिए. जहां पशु खुले मन से रह सकें और उन्हें गर्मी या ठंड से बचाव मिल सके. आवास में पंखे या कूलर होने चाहिए ताकि गर्मी के मौसम में पशु ठंडे रहें. सर्दी के लिए भी उचित व्यवस्था जरूरी है जैसे कंबल या गर्म हवा देने वाले उपकरण. अच्छा आवास पशुओं की सेहत के लिए जरूरी है, जिससे उनकी दूध देने की क्षमता बढ़ती है.
तापमान नियंत्रण सिस्टम
डेयरी फार्मिंग में तापमान नियंत्रण बहुत जरूरी होता है, क्योंकि ज्यादा गर्मी या ठंडा मौसम गायों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और दूध की मात्रा कम हो सकती है. इस काम के लिए धुंध शीतलन प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिसे कूलिंग सिस्टम भी कहते हैं. यह प्रणाली गौशाला के अंदर का तापमान नियंत्रित करती है, जिससे गर्मियों में गायों को ठंडक मिलती है और उनका तनाव कम होता है. इससे उनका दूध उत्पादन बेहतर होता है. अगर आप गर्म क्षेत्रों में डेयरी शुरू कर रहे हैं तो यह सिस्टम आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा.
खिला उपकरण
गायों को सही और पौष्टिक आहार देना दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों के लिए बहुत जरूरी होता है. इसके लिए खास खिला उपकरणों की जरूरत होती है. फीड ग्राइंडर जैसे उपकरण से चारा और अनाज को मिलाकर एक अच्छा मिश्रण तैयार किया जाता है, जो गायों को आसानी से पच सके. इससे गायों को सही पोषण मिलता है और उनका स्वास्थ्य मजबूत रहता है. फीड ग्राइंडर तेज ब्लेड से चारे को ठीक आकार में काटता है ताकि खाने में आसानी हो.
हरा चारा कटर
गायों को हरा चारा देना भी जरूरी होता है, जो उनकी सेहत के लिए लाभकारी होता है. हरा चारा कटर इसी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसकी मदद से घास, ज्वार, सेम और अन्य हरे पौधों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है ताकि गाय आसानी से खा सकें. छोटे-छोटे टुकड़ों में कटा हरा चारा गायों को जल्दी और अच्छे से पचता है, जिससे दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.
दूध दुहने की मशीन / स्वचलित मिल्कर
हाथ से दूध दुहने में बहुत समय लगता है और ज्यादा मजदूर भी चाहिए होते हैं. इसलिए आजकल किसान दूध दुहने के लिए स्वचलित मिल्कर या दूध दुहने की मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह मशीन मोटर से चलती है और एक वैक्यूम पंप होता है जो गाय के थनों पर लगाया जाता है. मशीन की नली दूध की कंटेनर से जुड़ी होती है, जिससे दूध दुहना आसान और तेज हो जाता है. हालांकि, ध्यान रखना चाहिए कि कुछ मामलों में यह मशीन गायों के लिए हानिकारक भी हो सकती है, इसलिए सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है.
पाश्चराइजर मशीन, सेपरेटर और दूध टंकियां
दूध दुहने के बाद उसका पाश्चरीकरण करना बहुत जरूरी होता है. पाश्चराइजर मशीन की मदद से दूध को गर्म करके उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया खत्म कर दिए जाते हैं. इससे दूध लंबे समय तक खराब नहीं होता और उसे स्टोर करना आसान होता है. इसके अलावा सेपरेटर मशीन से दूध से क्रीम और स्किम्ड दूध अलग किए जाते हैं, जो विभिन्न दुग्ध उत्पाद बनाने में काम आते हैं. दूध को स्टोर करने के लिए दूध टंकियां जैसे प्री-स्टैक टैंक और अंतरिम टैंक इस्तेमाल किए जाते हैं. ये टैंक दूध को ताजगी बनाए रखने में मदद करते हैं. यदि आपकी डेयरी फार्मिंग छोटी है तो आप दूध को डिब्बों या बाल्टियों में भी स्टोर कर सकते हैं.