मक्का, मिर्च और कपास किसानों को बीमारियों से बचाने और फसल की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने अपने प्रोडक्ट डेलीगेट कीटनाशक को अपडेट किया है. पहले से बाजार में मौजूद इस प्रोडक्ट के लिए कंपनी का दावा है कि यह कीटों से फसल की सुरक्षा करने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है. इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट में यह प्रोडक्ट किसानों की जरूरतों के हिसाब से फिट बैठता है.
एग्रीकल्चर सॉल्यूशन कंपनी कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने अपने डेलीगेट कीटनाशक के अपडेट की घोषणा की है, जो भारत में मक्का, कपास और मिर्च की खेती करने वाले किसानों के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन में एक भरोसेमंद समाधान के रूप में इसके महत्व को पुष्ट करता है. कीट प्रतिरोध प्रबंधन के साथ डेलीगेट भारतीय किसानों को ज्यादा उत्पादन और टिकाऊ खेती के लिए सक्षम बनाता है.
कई वर्षों से डेलीगेट किसानों का एक विश्वसनीय उत्पाद और सहयोगी रहा है. यह मक्का में फॉल आर्मीवर्म (FAW) और कपास व मिर्च में थ्रिप्स जैसे हानिकारक कीटों के तुरंत और प्रभावी तरीके से नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है. यह रणनीतिक सुधार पारंपरिक कीट नियंत्रण से आगे बढ़कर डेलीगेट की अनूठी वैज्ञानिक विशेषताओं को सामने लाता है जो फसल सुरक्षा के लिए एक अधिक सक्रिय और टिकाऊ दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं.
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बदलती कृषि के लिए कारगर प्रोडक्ट
तेजी से बदल रहे कृषि क्षेत्र के लिए अधिक सटीक और टिकाऊ समाधानों की जरूरत है. डेलीगेट किसानों को सशक्त बनाकर और एफएडब्ल्यू और थ्रिप्स जैसे कीटों को प्रभावी ढंग से टारगेट कर संतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है. जबकि मधुमक्खियों और प्राकृतिक शत्रुओं जैसे लाभकारी कीटों के लिए सुरक्षित रहता है.
डेलीगेट कीटनाशक इकोसिस्टम में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे बेहतर फसलें और हाई क्वालिटी वाली उपज मिलती है. इसका अवशिष्ट प्रभाव स्थायी सुरक्षा प्रदान करता है, बार-बार छिड़काव की जरूरत को कम करता है और किसानों के समय और संसाधनों की बचत करता है.
मक्का में कब इस्तेमाल होता है डेलीगेट कीटनाशक
डेलीगेट का इस्तेमाल मक्के के लिए बुवाई के 15-25 दिन बाद एक बार छिड़काव करने से एफएडब्ल्यू से सुरक्षा मिलती है और एक समान फसल वृद्धि को बढ़ावा मिलता है. जबकि, 30-35 दिन बाद दूसरा छिड़काव सुरक्षा को मजबूत करता है. भुट्टे की क्वालिटी में सुधार करता है और उपज के बेहर करता है.
कपास में फूल आने पर किसान करते हैं इस्तेमाल
कपास की फसल में फूल आने के समय पहला छिड़काव थ्रिप्स कीट से फसल को बचता है. इसके साथ ही गूलर बनने के समय अनुवर्ती छिड़काव करने से गूलर की को बढ़ाता है. इसके साथ ही अन्य लेपिडोप्टेरा कीटों से भी सुरक्षा मिलती है.
मिर्च से थ्रिप्स कीट नामोनिशान मिटाने में कारगर
मिर्च फसल के लिए फूल आने और फल लगने की शुरुआत जैसे प्रमुख चरणों के दौरान सही समय पर छिड़काव करने से थ्रिप्स कीट से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. इसके इस्तेमाल से मिर्च के फलों की क्वालिटी बेहतर होती है और पैदावार भी अधिक होती है.