कम समय में ज्यादा कमाई, दिसंबर में लगाएं टमाटर की फसल और हर पौधे में पाई कई फल
दिसंबर टमाटर की खेती के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. इस महीने बोई गई फसल जनवरी–फरवरी में तेजी से फल देती है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं. सही मैनेजमेंट के साथ कम समय में मजबूत उत्पादन होता है, जिससे किसानों को तगड़ा मुनाफा मिलता है और मेहनत भी कम लगती है.
Tomato Farming : सुबह की ठंडी धूप हो, खेत में हल्की ओस जमी हो और किसान अपने नए सीजन की तैयारी में जुटा हो–दिसंबर का महीना खेती में नई उम्मीदों का मौसम लेकर आता है. यही वह समय है जब किसान ऐसी फसल चुनना चाहते हैं जो जल्दी तैयार हो, मेहनत कम करवाए और जेब में ज्यादा पैसा डाले. ऐसी ही फसल है टमाटर, जिसे खेती की दुनिया में कैश क्रॉप भी कहा जाता है क्योंकि यह कम दिनों में शानदार उत्पादन और बढ़िया बाजार भाव देती है.
कम दिनों में तैयार होने वाली कमाई वाली फसल
टमाटर की सबसे बड़ी खासियत है इसका शॉर्ट ड्यूरेशन. सही तरीके से मैनेजमेंट किया जाए तो यह फसल सिर्फ 50–55 दिनों में बढ़िया उत्पादन दे देती है. मध्यम और उपजाऊ जमीन में टमाटर सबसे अच्छा बढ़ता है. पौधे तेजी से फैलते हैं और फल भी ज्यादा आते हैं. इस कारण किसान इसे बार-बार चुनते हैं क्योंकि मेहनत कम और फायदा ज्यादा है. दिसंबर में टमाटर की पौध लगाने का फायदा यह है कि पौधे ठंड में धीरे–धीरे मजबूत होते हैं और जनवरी–फरवरी तक भरपूर फल देना शुरू कर देते हैं.
घाटा नहीं, सिर्फ फायदा–टमाटर है असली कैश क्रॉप
टमाटर की खेती में सबसे बड़ी बात है कि सही देखरेख हो तो यह फसल कभी घाटा नहीं देती. दिसंबर से फरवरी का समय बाजार के लिहाज से भी शानदार माना जाता है. ठंड के दिनों में सप्लाई कम हो जाती है लेकिन मांग बढ़ जाती है. यानी किसान के टमाटर जितने जल्दी बाजार पहुंचेंगे, उतना ज्यादा दाम मिलेंगे. इस समय अच्छी क्वालिटी का टमाटर 50-60 रुपये किलो तक आसानी से बिक रहा है. यह भाव किसानों के लिए किसी बोनस से कम नहीं है.
उत्पादन बढ़ाने का सबसे आसान तरीका
टमाटर की फसल में उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे असरदार तरीका है–मल्चिंग. इसके फायदे किसान को सीधे कमाई में दिखाई देते हैं:–
- खेत में खरपतवार नहीं उगते, जिससे अतिरिक्त मजदूरी का खर्च खत्म
- मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है
- पौधे ठंड में स्ट्रेस में नहीं जाते
- पानी की बचत 40–50 फीसदी तक
- उत्पादन 20–30 फीसदी तक बढ़ जाता है
यानी एक बार मल्चिंग लगा दी, तो पूरी फसल का मैनेजमेंट आसान हो जाता है और खेत में काम भी कम हो जाता है.