गर्मियों में भी कर सकते हैं उड़द की खेती, बस इन बातों का रखें ध्यान

उड़द की बुवाई के लिए जायद में 15 फरवरी से 15 मार्च तक का समय सबसे अच्छा होता है.

Kisan India
Agra | Published: 14 Mar, 2025 | 06:00 AM

उड़द एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है, जिसकी खेती आमतौर पर खरीफ के मौसम में होती है. लेकिन अगर इसे जायद (गर्मी) में सही समय पर और सही तरीके से बोया जाए, तो अच्छी फसल मिल सकती है. जायद में बुवाई के लिए 15 फरवरी से 15 मार्च तक का समय सबसे अच्छा होता है. आइए जानते हैं उड़द की खेती के जरूरी टिप्स.

खेत की मिट्टी और तैयारी

उड़द की खेती के लिए दोमट या हल्की चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. खेत तैयार करने के लिए पहले हल्की सिंचाई करें और फिर दो बार हल या कल्टीवेटर से जुताई करें. हर जुताई के बाद पाटा जरूर लगाएं, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे. बीज बोने से पहले उन्हें उपचारित करना जरूरी होता है.

बुवाई का सही तरीका

जायद के मौसम में उड़द के पौधे छोटे होते हैं, इसलिए प्रति हेक्टेयर 25-30 किलो बीज की जरूरत होती है. उड़द को कूंडों में, यानि हल से खेत में नाली बनाकर बोना चाहिए और एक कूंड से दूसरे कूंड की दूरी 20-25 सेमी होनी चाहिए. बुवाई के बाद हल्का पाटा लगाना जरूरी होता है, ताकि बीज अच्छे से मिट्टी में बैठ जाए.

उर्वरक प्रबंधन

अगर मिट्टी की जांच करवा सकते हैं तो उसी के अनुसार खाद डालें. यदि जांच न हो, तो इन उर्वरकों का प्रयोग करें:
नाइट्रोजन: 15-20 किलो प्रति हेक्टेयर
फास्फोरस: 40 किलो प्रति हेक्टेयर
पोटाश: 20 किलो प्रति हेक्टेयर
गंधक: 20 किलो प्रति हेक्टेयर
फास्फोरस डालने से दाने ज्यादा बनते हैं. खाद को बीज से 2-3 सेमी नीचे डालें.

सिंचाई का सही समय

पहली सिंचाई 30-35 दिन बाद करें, ताकि जड़ें अच्छी तरह बढ़ें. उसके बाद हर 10-15 दिन में हल्की सिंचाई करें. साथ ही ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई करना ज्यादा फायदेमंद रहता है.

रोग और कीट नियंत्रण

मोजेक रोग: यह सफेद मक्खी के कारण फैलता है. सही समय पर बुवाई करें और रोग-रोधी किस्में लगाएं. यदि 5-10 सफेद मक्खियां प्रति पौधा दिखें, तो मिथाइल ओ-डिमेटान 25% ईसी या डायमिथोएट 30% ईसी का 1 लीटर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.

थ्रिप्स और हरा फुदका कीट: ये पत्तियों और फूलों का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. इसे रोकने के लिए मिथाइल ओ-डिमेटान 25% ईसी या डायमिथोएट 30% ईसी का 1 लीटर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.

फलीवेधक कीट: यह उड़द की फलियों को नुकसान पहुंचाता है. इसे रोकने के लिए फेन्थ्रएट 50% ईसी (2 लीटर) या क्यूनालफास 25% ईसी (1.25 लीटर) प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.

फसल की कटाई और भंडारण

जब फलियां काली हो जाएं, तो फसल काट लें. उड़द की फलियां एक साथ पकती हैं और फूटती नहीं, इसलिए पूरी फसल एक साथ काटी जा सकती है. इसका भंडारण करते समय नीम की पत्तियां मिलाएं, ताकि कीट न लगें.

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Published: 14 Mar, 2025 | 06:00 AM

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