Vegetable Farming: बैंग की खेती किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. अब किसान बड़े स्तर बैंगन की खेती कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. लेकिन कीटों और कीड़ों के हमले किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है. क्योंकि इससे फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि, किसान कीटनाशकों का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इसका फायदा नहीं मिल रहा है. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम एक ऐसे नुस्खे के बारे में बात करेंगे, जिससे बैंगन की फसल को कीटनों से नुकसान नहीं पहुंचेगा. खास बात यह है कि इसके लिए किसान को महज एक रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
दरअसल, एक रुपये वाला शैंपू का पाउच हर घर में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि यह एक रुपये वाला शैंपू का पाउच एक अच्छा कीटनाशक भी है. एक्सपर्ट का कहना है कि शैंपू को पानी में मिलाकर फसल पर छिड़कने से कीड़े तुरंत मर जाते हैं. यह खासकर बैंगन की फसल में बहुत कारगर है, क्योंकि शैंपू पत्तों पर चिपककर कीड़ों की सांस रोक देता है.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, शैंपू में मौजूद सर्फेक्टेंट कीड़ों के शरीर पर पतली परत बना देता है, जिससे उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिलती और कीड़े दम घुटने से मर जाते हैं. यह परत कीड़ों को निष्क्रिय कर देती है और पत्तों पर चिकनाहट बना देती है. इसके कारण कीट फिर से हमला नहीं कर पाते. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें कोई रासायनिक कीटनाशक नहीं होता, इसलिए फसल सुरक्षित रहती है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है.
90 फीसदी कम हो गया खर्च
कई किसानों का कहना है कि पहले वे महंगे स्प्रे पर हजारों रुपये खर्च कर देते थे, लेकिन अब सिर्फ एक रुपये का शैंपू पानी में मिलाकर छिड़काव करने से उनकी लागत 90 फीसदी तक कम हो गई है. इस तकनीक से हफ्ते में केवल एक बार छिड़काव करना पर्याप्त होता है. इससे कीड़ों का असर तुरंत खत्म हो जाता है. साथ ही पत्ते ताजा रहते हैं और फसल सुरक्षित रहती है, जिससे उत्पादन भी बढ़ता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अब यह शैंबू वाली तकनीक छोटे और सीमांत किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. कम मेहनत, कम खर्च और तुरंत असर वाला यह तरीका ग्रामीण किसानों के लिए बड़ी राहत बन गया है और आने वाले समय में पूरे देश में और ज्यादा अपनाया जा सकता है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, शैंपू में मौजूद तत्व कीड़ों के शरीर पर परत बना देता है और उन्हें सांस लेने से रोकता है, जिससे कीड़े जल्दी मर जाते हैं. यह पत्तों पर भी साफ परत बनाता है, जिससे कीट दोबारा हमला नहीं कर पाते. विशेषज्ञों के अनुसार यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि इसमें कोई रासायनिक कीटनाशक नहीं होता.