बैंगन की इस किस्म की करें खेती, पैदावार जान हो जाएंगे हैरान

बैंगन की एक किस्म, पूसा हरा बैंगन -1 का विकास भारतीय क़ृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा ने किया था. बता दें कि पूसा द्वारा विकसित इस किस्म में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं.

नोएडा | Updated On: 31 May, 2025 | 11:21 PM

बैंगन की खेती करना किसानों के लिए फायदे का सौदा होता है. भारत में बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. ज्यादातर किसान बैंगन की खेती साल भर करते हैं. बाजार में भी बैंगन की मांग सालभर रहता है. ऐसे में किसानों के सामने जो दुविधा होती है वह ये है कि वे बैंगन की किस किस्म की खेती करें ताकि पैदावार भी ज्यादा हो और उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिले. तो चलिए आज बैंगन की ऐसी ही एक किस्म के बारे में बात कर लेते हैं जिसकी पैदावार अच्छी होती है. हम बात कर रहे हैं बैंगन की किस्म ‘पूसा हरा बैंगन-1’ की. यह एक ऐसा किस्म है जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती है.

पूसा हरी बैंगन-1 की खासियत

बैंगन की एक किस्म, पूसा हरा बैंगन -1 का विकास भारतीय क़ृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा ने किया था. बता दें कि पूसा द्वारा विकसित इस किस्म में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. पूसा हरा बैंगन -1 की खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में पूरे साल की जाती है. इसकी एक खासियतइस किस्म की खेती किसान कम पानी वाले इलाकों में भी कर सकते हैं. साथ ही इसमें वायरस और बीमारी भी नहीं लगती है. ये भी है कि इसे गमले में लगाया जा सकता है. गोल हरे रंग के इसके फल पर हल्के बैंगनी रंग के धब्बे होते हैं. यह किस्म रोपाई के 55 से 60 दिनों में फल देने लगती है.

45 टन तक होती है पैदावार

पूसा हरा बैंगन -1 की खेती से किसानों को करीब प्रति हेक्टेयर 45 टन तक की उपज मिल सकती है. बता दें कि इसे एक फल का औसमतन वजन 220 ग्राम होता है. देश में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बैंगन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

ऐसे करें बैंगन की खेती

अगर आप बैंगन की खेती करना चाहते हैं तो बता दें कि बैंगन की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेस्ट मानी जाती है और इसमें फसल की पैदावार भी काफी अच्छी होती है. बैंगन की फसल के अच्छे विकास के लिए जमीन का pH मान 5.5 – 6.6 के बीच होना चाहिए. इसके साथी ही बैंगन की फसल को अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है. बैंगन की खासियत है कि इसकी खेती किसी भी जलवायु में की जा सकती है. बैंगन की खेती करते समय किसानों को मिट्टी की जांच के अनुसार खाद और उर्वरक डालनी चाहिए.बैंगन का पौधा या बीज लगते समय दो पौधों और दो क्यारियों के बीच करीब 60 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए. प्रति एकड़ खेत में 300 से 400 ग्राम बीज डालना चाहिए.

Published: 1 Jun, 2025 | 09:00 AM