MSP और समय पर मॉनसून से बढ़ी मूंग की बुवाई, जानिए किस राज्य में सबसे ज्यादा हुई खेती

किसानों को मूंग की खेती की ओर आकर्षित करने में सबसे अहम भूमिका न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ने निभाई है. इस साल मूंग का MSP बढ़ाकर 8,768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले साल 8,682 रुपये था.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Jul, 2025 | 09:22 AM

इस बार मॉनसून की शुरुआती दस्तक ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है. खासतौर से मूंग की खेती करने वालों के लिए यह मौसम वरदान बनकर आया है. अच्छी बारिश, बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकार द्वारा पिछली बार की गई खरीदी, इन सभी कारणों से किसान बड़ी संख्या में मूंग की बुवाई की ओर आकर्षित हुए हैं. नतीजा यह है कि इस साल अब तक मूंग की खेती का रकबा 11 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 27.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है. राजस्थान इसमें सबसे आगे चल रहा है.

राजस्थान बना मूंग उत्पादन का केंद्र

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, राजस्थान के किसानों ने इस बार मूंग की बुवाई में जबरदस्त उत्साह दिखाया है. 23 जुलाई तक यहां मूंग की खेती का रकबा 16 फीसदी बढ़कर 22.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया. इसका मतलब है कि राज्य के बड़े हिस्से में किसान इस बार मूंग की फसल पर दांव लगा रहे हैं. गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी स्थिति उत्साहजनक है.

  • कर्नाटक में मूंग का रकबा 4.1 लाख हेक्टेयर के आसपास है, जो स्थिर है.
  • गुजरात में यह 32,990 हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल से ज्यादा है.
  • महाराष्ट्र में लगभग 2.02 लाख हेक्टेयर में मूंग बोया गया है.
  • तेलंगाना में हालांकि इस बार गिरावट आई है और मूंग का रकबा 49,815 हेक्टेयर ही रह गया है.

एमएसपी और सरकारी खरीद ने बढ़ाया भरोसा

किसानों को मूंग की खेती की ओर आकर्षित करने में सबसे अहम भूमिका न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ने निभाई है. इस साल मूंग का MSP बढ़ाकर 8,768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले साल 8,682 रुपये था. इसके साथ ही सरकार द्वारा पिछले कुछ सीजन में मूंग की अच्छी मात्रा में खरीदी की गई, जिससे किसानों का भरोसा और मजबूत हुआ.

कम समय की फसल, ज्यादा मुनाफा

भारत पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (IPGA) के सचिव सतीश उपाध्याय का कहना है, “मूंग की बुवाई इस बार अरहर (तूर) और उड़द से कहीं बेहतर हुई है. इसका कारण है इसका 60-80 दिनों का छोटा जीवन चक्र, साथ ही उच्च MSP और मानसून की समय पर शुरुआत.” यही वजह है कि किसान कम समय में लाभ देने वाली इस फसल को प्राथमिकता दे रहे हैं.

बारिश की अधिकता बनी चिंता का कारण

हालांकि शुरुआती बारिश ने बुवाई में मदद की, लेकिन कुछ इलाकों में बारिश की अधिकता चिंता बढ़ा रही है. राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश हुई है, जिससे फसल को नुकसान होने का खतरा बना हुआ है.

रिकॉर्ड उत्पादन की ओर भारत

पिछले साल (2024-25) भारत में मूंग का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 38.19 लाख टन पहुंच गया था, जिसमें 19.74 लाख टन केवल गर्मियों में हुआ. खरीफ सीजन में मूंग का उत्पादन 17.47 लाख टन रहा था. भारत में मूंग तीनों सीजन खरीफ, रबी और गर्मी में उगाई जाती है, लेकिन खरीफ मूंग खास तौर पर बड़े क्षेत्र में की जाती है.

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