उत्तर प्रदेश के किसान ने बनाई अलग पहचान, बीज बेचकर कर रहा लाखों की कमाई

अपनी आजीविका के लिए वे हाई प्रोडक्टिविटी वाली किस्मों के बीज बेचते हैं और इन बीजों को अपनाने के लिए बाघई, धीरपुरा, चतराई और मोहम्मदाबाद जैसे गांवों में जरूरतमंद किसानों को मुफ्त में बांटते हैं.

Kisan India
Agra | Published: 29 Mar, 2025 | 08:11 AM

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के किसान विजेंद्र सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत से सरसों की खेती में एक नया मुकाम हासिल किया है. 1972 में जब उन्होंने टीबीबी सिंह इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी, तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि कृषि के क्षेत्र में वे इतना बड़ा नाम कमा पाएंगे. आज वह एक प्रेरणा बन चुके हैं, जिन्होंने सरसों और अन्य फसलों की खेती से न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक आदर्श बने.

किसान विजेंद्र सिंह का कृषि के प्रति समर्पण

विजेंद्र सिंह की शुरुआत कृषि से जुड़ी नहीं थी, बल्कि उन्होंने पहले 3.5 एकड़ जमीन में डेयरी का काम शुरू किया था. इसके साथ ही, उन्होंने अलग-अलग फसलों की खेती भी की, ताकि वह अपने परिवार का खर्च ठीक से चला सकें. धीरे-धीरे, उन्होंने कृषि को ही अपने जीवन का मुख्य कार्य बना लिया और आज रबी और खरीफ दोनों सीजन में कई प्रकार की फसलों की खेती कर रहे हैं.

रबी सीजन में वह मुख्य रूप से गेहूं और सरसों की खेती करते हैं, जबकि खरीफ सीजन में उड़द और बाजरा भी उगाते हैं. इस मेहनत और समर्पण का परिणाम यह हुआ कि उन्हें उड़द की फसल के लिए जिला स्तर पर पहला पुरस्कार और बाजरा प्रोडक्शन के लिए राज्य स्तर पर पहला पुरस्कार मिल चुका है.

खेती में नई दिशा

विजेंद्र सिंह ने सरसों की खेती में सफलता पाने के लिए आईसीएआर-केवीके फिरोजाबाद की मदद ली. आईसीएआर की टीम ने उनके क्षेत्र में तिलहन की पैदावार को बढ़ाने के लिए नई तकनीक और उच्च उपज वाली सरसों की किस्म डीआरएमआर 1165-40 का डेमो किया. इस किस्म की खेती से किसानों को फायदा हुआ और उन्होंने इसे अपने खेतों में लगाने की शुरुआत की. इसके बाद, विजेंद्र सिंह जैसे किसानों को इस किस्म के बीज मिले और उन्होंने इसे सही समय पर बोकर अच्छा मुनाफा कमाया.

किसानों को बड़ा लाभ

नई तकनीकों के इस्तेमाल से फिरोजाबाद जिले के किसानों को सरसों की खेती में बड़ा फायदा हुआ है. अब, उच्च उपज वाली सरसों की किस्म डीआरएमआर 1165-40 की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. इससे किसानों की कमाई में इजाफा हुआ है और विजेंद्र सिंह जैसे किसान इससे अच्छे मुनाफे का आनंद ले रहे हैं. उन्होंने सरसों की खेती से 77,120 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुनाफा कमाया है और उनकी कुल कमाई 1,03,020 रुपये तक पहुंच गई है.

आधुनिक खेती से बढ़ा आत्मविश्वास

विजेंद्र सिंह की सफलता ने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है. अब आसपास के गांवों में भी किसान उच्च उपज वाली किस्मों का इस्तेमाल करके तिलहन की खेती में रुचि दिखा रहे हैं. इस बदलाव के कारण फिरोजाबाद जिले में तिलहन उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिल रहा है.

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